दक्षिण कोरिया:- टोक्यो ओलंपिक का समापन हो चुका है। खेलो का महाकुंभ कहे जाने वाले ओलंपिक में खिलाड़ियों ने पदक जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। इसी बीच दक्षिण कोरिया की एक खिलाड़ी ने इस ओलंपिक में अकेले तीन गोल्ड मेडल जीत लिया। आन सैन नामक इस तीरंदाज ने तीन गोल्ड मेडल जीतकर तहलका मचा दिया। दुनिया भर में इस खिलाड़ी की चर्चा होने लगी लेकिन उसके खुद के देश में अचानक आन सैन की आलोचना होने लगी।

दरअसल, दक्षिण कोरिया की आन सैन ने ओलंपिक में तीन गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया और दक्षिण कोरिया की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी बन गईं जिन्होंने सिंगल ओलंपिक में दो से ज्यादा गोल्ड मेडल जीते। लेकिन उनके खुद के देश में आन सैन को अपने छोटे बालों के चलते आलोचना का शिकार होना पड़ गया। सोशल मीडिया पर लोगों ने 20 वर्षीय सैन के हेयरस्टाइल को ‘फेमिनिस्ट’ करार दे दिया गया।

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ कोरिया में फेमिनिस्ट शब्द को पुरुषों से नफरत करने वालों से जोड़कर देखा जाता है। वहां लोगों ने कहा कि हमने अपने टैक्स के पैसों से इसलिए ट्रेनिंग और सुविधाएं नहीं दी थी कि आप फेमिनिस्ट हरकत करें। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा कि यह अच्छी बात है कि गोल्ड मेडल जीता लेकिन छोटे बालों में वह एक फेमिनिस्ट की तरह लगती है। अगर वह फेमिनिस्ट है तो मैं अपना समर्थन वापस ले रहा हूं।

लेकिन इसी बीच जैसे-जैसे आन सैन की आलोचना बढ़ती गई, वैसे-वैसे उनके समर्थन में महिलाओं ने एक अभियान भी शुरू कर दिया। देश भर में हजारों महिलाओं ने अपने बाल छोटे करवाने शुरू कर दिए। महिलाओं ने छोटे बालों वाली अपनी तस्वीरें पोस्ट करना शुरू कर दिया। हान जियॉन्ग नामक महिला ने ट्विटर पर हैशटैग #women_shortcut_campaign शुरू कर दिया और देखते ही देखते यह अभियान बड़ा हो गया।

उन्होंने बीबीसी को बताया कि जब आन सैन और अन्य महिलाओं के खिलाफ नफरतभरी टिप्पणियां देखीं तो वह परेशान हो गईं। इसके बाद इस आंदोलन ने बड़ा रूप ले लिया। तमाम महिलाएं अपना बाल छोटा कर रही हैं और इसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रही हैं। ट्विटर पर भी वे लोग अपनी-अपनी तस्वीरें बाल कटवाने के पहले की और बाद की तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं।

फिलहाल यह बहस छिड़ी हुई है कि क्या आन सैन द्वारा टोक्यो ओलंपिक में हासिल की गईं दो उपलब्धियां किसी से कम हैं, क्यों उनको आलोचना का शिकार होना पड़ा है। दक्षिण कोरिया के 20 वर्षीय आन सैन ने पहली बार ओलंपिक में भाग लिया था और उन्होंने इतिहास रच दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आन सैन को बचपन में भी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कठिन मेहनत से यहां तक का सफर तय किया है।