नई दिल्ली:- कोरोना गाइडलाइन को सख्त किए जाने के विरोध में भारी प्रदर्शन को देखते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो परिवार के साथ कहीं गुप्त स्थान पर चले गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने उनके आवास को घेर लिया है. हजारों ट्रक ड्राइवर और अन्य प्रदर्शनकारी राजधानी शहर में इकट्ठा हो गए और पीएम ट्रूडो के आवास को घेर लिया. ट्रक ड्राइवर देश में कोरोना वैक्सीन को अनिवार्य किए जाने और लॉकडॉउन लगाने के खिलाफ हैं. उन्होंने अपने करीब 70 किमी लंबे काफिले को ‘फ्रीडम कान्वॉइ’ नाम दिया है.
दरअसल, कनाडा की राजधानी ओटावा में शनिवार को हजारों लोगों ने टीकाकरण को अनिवार्य बनाने और कोविड-19 पाबंदियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोविड प्रतिबंधों की तुलना फासीवाद से की और कनाडा के झंडे के साथ नाजी प्रतीक प्रदर्शिति किए. कई प्रदर्शनकारियों ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को निशाना बनाते हुए उनकी तीखी आलोचना की.
अनिवार्य टीकाकरण का विरोध
मॉन्ट्रियल से आए डेविड सेन्टोस ने कहा कि उसे लगता है कि टीकाकरण अनिवार्य करना स्वास्थ्य से संबंधित नहीं है बल्कि यह सरकार द्वारा ”चीजों को नियंत्रित” करने का एक पैंतरा है. विरोध प्रदर्शन के आयोजकों ने सभी कोविड-19 पाबंदियों व टीकाकरण को अनिवार्य बनाने के फैसले को वापस लेने और प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस्तीफे की मांग की. इससे पहले पीएम ट्रूडो ने कहा है कि ट्रक वाले विज्ञान के विरोधी हैं और वे न केवल खुद के लिए बल्कि कनाडा के अन्य लोगों के लिए खतरा बन गए हैं. कहा जा रहा है कि राजधानी ओटावा में स्थित प्रधानमंत्री आवास को 50 हजार ट्रक चालकों ने अपने 20 हजार ट्रकों के साथ चारों तरफ से घेर लिया है.
10 हजार प्रदर्शनकारी राजधानी में
प्रदर्शन में करीब 10 हजार लोग शामिल हैं जो संसदीय परिसर में घुस चुके हैं. हालांकि पुलिस ने सुरक्षा के भारी बंदोबस्त किए हैं और हिंसा की आशंका को देखते हुए पुलिस हाई अलर्ट पर है. पुलिस ने कहा कि करीब 10,000 लोग संसद के पास पहुंचे हैं लेकिन संसद परिसर में कितने प्रदर्शनकारी मौजूद हैं, इसका ठीक आंकड़ा पुलिस के पास नहीं है.
युद्ध स्मारक पर अभद्र प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. यहां तक कि कुछ दिव्यांग भी नई गाइडलाइन का विरोध करने राजधानी आए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ लोगों ने आक्रामक और अश्लीलता से भरे बयानबाजी भी की है. ये लोग सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को निशाना बना रहे हैं. कुछ प्रदर्शनकारियों को प्रमुख युद्ध स्मारक पर नाचते हुए देखा गया. कनाडा के टॉप सैन्य जनरल वेन आइरे और रक्षा मंत्री अनीता आनंद ने निंदा की है.