कोरबा:- 800 करोड़ से अधिक का बजट रखने वाली कोरबा नगर पालिक निगम में ठेकेदारों का भुगतान करने के लिए समय नहीं है। टेबल पर फाइलें महीनों से पेंडिंग पड़ी हुई हैं। आयुक्त बदल गए लेकिन ठेकेदारों का भुगतान नहीं हो पाया है। छोटे-छोटे ठेकेदारों के यहां अपनी पारिवारिक से लेकर कई तरह की निजी समस्याएं मौजूद हैं और इन समस्याओं के निराकरण में एक बड़ी वजह आर्थिक तंगी बनी हुई है। इन समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी आयुक्त प्रभाकर पांडेय से लेकर लेखापाल तथा अन्य संबंधित अधिकारियों का रवैया लगातार उदासीन बना हुआ है। निगम के ठेकेदार कांट्रेक्टर एसोसिएशन के द्वारा भुगतान संबंधित समस्याओं का समाधान करने बैठकों के लिए बार-बार पत्र लिखा जा रहा है लेकिन आयुक्त के पास उनसे मिलने के लिए समय नहीं है और ठेकेदार अकेले मिलने की बजाय एक साथ बैठक करने पर तत्पर हैं।

एक दिन पहले ही अकाउंटेंट शाखा में अकाउंट ऑफिसर आनंद गुप्ता के साथ ठेकेदारों की बैठक हुई और उन्होंने लंबित भुगतान जल्द करने की मांग रखी। आज बड़ी संख्या में ठेकेदार अपने भुगतान के संबंध में अकाउंट शाखा पहुंचे, यहां काफी हंगामा हुआ। सुबह 11 बजे पहुंचे ठेकेदारों ने भुगतान नहीं हो पाने का कारण जानना चाहा। अपनी मांग रखी कि कम से कम निगम मद के चेक तो काटे जाएं जो आयुक्त और अकाउंट शाखा के टेबल पर पड़े-पड़े धूल खा रहे हैं। तरह-तरह के जवाब देकर बचने की कोशिश अधिकारी करते रहे। इस बीच मध्यस्थता करने के लिए एम के वर्मा और आरके माहेश्वरी अकाउंट सेक्शन पहुंचे जिन्हें भी ठेकेदारों ने दरकिनार कर दिया। ठेकेदारों का कहना है कि निगम के अधिकारी और इंजीनियर समस्याओं को समझने की बजाय मध्यस्थता पर जोर देते हैं जबकि वे समस्याओं को भली-भांति जानते हैं और नए आने वाले आयुक्त को इससे अवगत करा कर समाधान करा सकते हैं लेकिन इनकी भूमिका सिर्फ मध्यस्थ तक ही सीमित है। हंगामा बढ़ने पर एमके वर्मा और आरके माहेश्वरी के द्वारा 4-5 ठेकेदारों को प्रतिनिधि के तौर पर आयुक्त से मिलने का प्रस्ताव रखा गया जिसे भी ठुकरा दिया गया। आयुक्त के चेंबर में कुछ ठेकेदारों ने जाकर दो टूक कह दिया है कि अगर मुलाकात करनी है तो सभी ठेकेदारों के साथ एक साथ करनी होगी, अलग-अलग नहीं। आखिरकार आयुक्त को इन ठेकेदारों से मिलने का पर्याप्त समय देना ही पड़ा। एसोसिएशन से जुड़े असलम खान ने बताया कि शनिवार को सुबह 11 बजे साकेत भवन के सभाकक्ष में आयुक्त ने सभी ठेकेदारों से बैठक करने का समय तय किया है। अब देखना यह है कि शनिवार को यह बैठक होती है या नहीं और ठेकेदारों का भुगतान संबंधी समस्या निराकृत हो पाएगी या नहीं?