रायपुर:- फर्जी जाति मामले में अब ऋचा जोगी की भी मुश्किलें बढ़ गयी है। हाई पावर कमिटी ने भी ऋचा जोगी को गोंड आदिवासी नहीं माना है। कमिटी ने ऋचा जोगी के 2020 में बने गोंड जाति के प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले मुंगेली कलेक्टर को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है।
ऋचा जोगी की जाति का मुद्दा मरवाही उपचुनाव के वक़्त से ही गरमाया हुआ था। निर्वाचन अधिकारी ने उस वक़्त भी ऋचा जोगी की जाति को गोंड नहीं मानते हुए उनके नामांकन को निरस्त कर दिया था। बाद में ये मामला हाईपावर कमेटी के पास चला गया था। इस कमेटी में 4 IAS शम्मी आबिदी, कमलप्रीत सिंह, डीडी सिंह, भुवनेश यादव समेत 6 सदस्य थे। कमिटी ने अलग अलग पहलुओं पर जांच करते हुए ऋचा जोगी के जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने की अनुशंसा की है, साथ ही ये भी कहा है कि मुंगेली कलेक्टर इस मामले में कार्रवाई करें। 19 पेज के आदेश में ऋचा जोगी की जाति के संदर्भ में अलग अलग स्तर और जांच और साक्ष्यों पर जानकारी जुटाई गई है।
आदेश में हाईपावर कमेटी ने ऋचा जोगी के पिता प्रवीण राज साधु के सर्विस बुक का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने अपनी जाति क्रिशश्चन लिखा है। उसी तरह जमीन की खरीद बिक्री दस्तावेज में प्रवीण राज साधु ने खुद को गैर आदिवासी बताया है।
हाईपावर कमिटी की रिपोर्ट के मुताबिक पेंड्रीडीह के ग्रामीणों ने भी कहा है कि ऋचा जोगी के परिवार ने खुद को गैर आदिवासी घोषित किया हुआ है और इनका गोंड जाति से कोई लेना देना नहीं है।
हाईपावर कमिटी के आदेश में कहा गया है कि किसी भी राजस्व दस्तावेज में ऋचा जोगी या उनके परिवार की सामाजिक स्थिति में जाति का स्पष्ट उल्लेख नहीं है। कमिटी के मुताबिक जांच के दौरान ऋचा जोगी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका दिया गया, लेकिन वो अपनी जाति को साबित नहीं कर सकी, लिहाज उनके स्थायी जाति प्रमाण पत्र को निरस्त करने का आदेश हाईपावर कमिटी ने दिया है।