रायपुर:- पूर्व में भी वेरिफिकेशन में अनुपस्थित रहने वाली सेतुनंदनी के ऊपर विभाग मेहरबान रहा और समिति का निर्णय बताकर उन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने की बात सीएमएचओ ने कहा है। तो वहीं अब एक अभ्यर्थी के द्वारा दो विभिन्न जिलों का निवास प्रमाण पत्र बनवाकर विभाग के आंखो धूल झोंकने की घटना सामने आ रहा है।
प्रार्थी जितेंद्र साहू ने लिखित शिकायत के माध्यम से मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी को अवगत करवाया है और हमारे स्थानीय संपादक सुनील शुक्ला से टेलीफोन से बातचीत मे ये बताया है की द्वितीय एनएम भर्ती में एक अभ्यर्थी के द्वारा पृथक पृथक दो जिलों का निवास प्रमाण पत्र बनवा कर विभाग के आंखो में धूल झोंक रहा है।
उन्होंने बताया की उक्त अभ्यर्थी के द्वारा बालोद जिले का भी निवास प्रमाण पत्र बनवा कर बालोद एवम धमतरी जिला दोनो जिलों में एक साथ स्वास्थ्य विभाग में नौकरी के लिए आवेदन किया है। जबकि आवेदित पद के लिए स्थानीय जिला के मूल निवासियों को प्राथमिकता की बात भर्ती विज्ञापन के नियमावली में लिखा गया है।
ताजुब की बात ये है कि इस इंटरनेट के जमाने में भी आरोपी अभ्यर्थी विभाग के आंखो में धूल झोंकने में सफल रहा और उनको विभाग में नौकरी मिल भी गई लेकिन ये सफलता उन्हें कैसे मिली ये तो ऊपर वाला ही जाने..
वही आरटीआई से प्राप्त दस्तावेजों के अवलोकन से भर्ती में फर्जीवाड़ा होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता प्राप्त दस्तावेजों में विभाग के द्वारा जारी वरीयता सूची में अभ्यर्थियों का निवास के पतें पर सादे कागज की पट्टी लगा दिया गया है जिससे अभ्यर्थियों के निवास और मूल निवास की जानकारी का अंदाजा लगा पाना कठिन हो गया है। साथ ही अन्य जानकारी जिससे देने से भर्ती प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति स्पष्ट हो जाता उसे गोपनीयता के तहत जानकारी नहीं देने की बात कहा गया है।
अब ऐसे में कौन अभ्यर्थी धमतरी जिले का है और कौन अन्य जिले का निवासी है ये तो ऊपर वाला जाने या फिर विभागीय अधिकारी जाने। विभाग में अधिकांश मामले को जांच में निराधार साबित कर ही दिया जाता है क्योंकि साहेब का कलम अपने अधिकारियों एवम कर्मचारियों विपरित थोड़ी ही चलेगी। अब ऐसे में इस प्रकरण की जांच कैसे होगी इसका अंदाजा लगा पाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। फिर भी प्रार्थी विभाग से न्याय की उम्मीद लगाया है ये किसी आस्था से कम नहीं है।
प्रार्थी के द्वारा पूर्व में किए गए आवेदनों में भी विभाग के द्वारा सकारात्मक पहल नहीं किया गया है जिससे प्रार्थी का भरोसा विभाग से टूटती नजर आ रही है। उन्होंने बताया की स्वास्थ्य विभाग से न्याय की आश लगाए रहना फिजूल है अब मुख्यमंत्री के धमतरी प्रवास के दौरान ही उनसे मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाएगा।