कलकत्ता:- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने पांच लाख रुपये का जुर्माना ठोका है। नंदीग्राम केस की सुनवाई कर रहे जस्टिस कौशिक चंदा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार पाते हुए ममता बनर्जी पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
कोर्ट ने कहा कि ममता बनर्जी के बयान ने अदालत को बदनाम किया है। बता दें कि ममता बनर्जी ने न्यायमूर्ति कौशिक चंदा के भारतीय जनता पार्टी के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर मामले से अलग होने की मांग की थी। कोर्ट ने कहा कि ममता बनर्जी से वसूली गई जुर्माने की राशि को कोरोना काल में जान गंवाने वाले वकीलों के परिवार को बांटा जाएगा।
Calcutta High Court imposes a fine of Rs 5 lakhs on West Bengal CM Mamata Banerjee for putting the judiciary in a bad light. The amount will be used for lawyers families who have been affected by COVID19
— ANI (@ANI) July 7, 2021
नंदीग्राम मामले की सुनवाई से अलग हुए न्यायमूर्ति चंदा
कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति कौशिक चंदा नंदीग्राम विधानसभा सीट से भाजपा के शुभेंदु अधिकारी के निर्वाचन को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई से अलग हुए। अब ये मामला किस कोर्ट में जाएगा, इसका फैसला मुख्य न्यायाधीश करेंगे।
कौशिक चंदा ने आरोपों को खारिज किया
ममता बनर्जी के वकील का दावा था कि जस्टिस कौशिक चंदा को अक्सर भाजपा के नेताओं के साथ देखा गया था। इस मामले की सुनवाई खुद जस्टिस कौशिक चंदा ने की थी। हालांकि जस्टिस कौशिक चंदा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
दो मई को चार राज्य और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। इस दौरान ममता बनर्जी नंदीग्राम सीट से सुवेंदु अधिकारी से 1956 मतदानों से हार गई थीं। नतीजे के दिन ममता बनर्जी ने दोबारा वोटों की गिनती की मांग की थी लेकिन जिसे चुनाव आयोग ने नहीं मांगा। इसके बाद ममता बनर्जी ने कलकत्ता हाईकोर्ट का रुख किया और सुवेंदु अधिकारी पर धर्म के नाम पर वोट मांगने, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए और चुनाव रद्द करने की मांग की थी।