नई दिल्ली:- विश्व के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक ने दावा किया है कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में 40,300 बार यूजर्स का डाटा देने के लिए कहा था। कंपनी की एथिक्स कमेटी की इस रिपोर्ट के मुताबिक , यह संख्या दुनिया में अमेरिका की ओर से सर्वाधिक 61,262 बार किए गए आग्रह के बाद दूसरे नंबर पर है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की तरफ से यह मांग पहली छमाही के 35,560 बार किए गए आग्रह से 13.3% ज्यादा है। अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में फेसबुक ने कहा, इस अवधि में भारत में सरकार के कहने पर 878 बार ऑनलाइन सामग्री पर रोक लगाई गई। इनमें 10 पर लगी रोक अस्थायी थी। 54 पर अदालती आदेश के तहत रोक लगाई गई।

सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सेक्शन 69 ए का उल्लंघन बताते हुए सामग्री पर रोक लगाने के लिए कहा। सरकार के मुताबिक , इस किस्म की सामग्री देश की सुरक्षा और जनव्यवस्था के खिलाफ है।

सरकार ने 37,865 बार यूजर डाटा की मांग कानूनी प्रक्रिया के तहत की तो 2,435 बार आपात आवश्यकता के तहत मांगा गया। 2020 की दूसरी छमाही में पूरी दुनिया में 1,91,013 बार यूजर डाटा मांगा गया। यह पहली छमाही से करीब 10% ज्यादा है।

गत वर्ष मांगी 62,754 अकाउंट की सूचनाएं
फेसबुक ने बताया कि भारत सरकार ने वर्ष 2020 में 62,754 फेसबुक यूजर्स के बारे में जानकारी भी मांगी थी। उसने करीब 52% अकाउंट्स का कोई न कोई डाटा सरकार को दिया। फेसबुक के अनुसार, वह देश के कानून और कंपनी की सेवा शतों के। अनुसार सरकार को यह डाटा मुहैया करवाता है। सरकार द्वारा की गई हर मांग का सावधानीपूर्वक कानूनी दृष्टि से मूल्यांकन किया और। वाजिब वजह होने पर मांग को नकारा जाता है।