रायपुर:- बीते दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच मनमुटाव की खबरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। इसके बाद टीएस सिंह देव के इस्तीफे की खबर भी तेजी से फैली। हालांकि इसका खंडन करते हुए इसे महज एक अफवाह बताया गया है।
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के कार्यालय ने इस्तीफे की खबर का खंडन करते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से गलत और बेबुनियाद खबर है। मंत्री के खिलाफ अफवाह फैलाई जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव की तरफ से बताया गया है कि
माननीय स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव द्वारा अपने पद से इस्तीफा देने की खबर केवल पूर्णतः असत्य और निराधार है। श्री टीएस सिंहदेव जी के विरुद्ध यह अफवाह फैलाई जा रही है, अतः आप सभी से निवेदन है कि ऐसी झूटि खबरों पर ध्यान न दें।
Blatant lies & propaganda of @Republic TV continues. Their only aim is to spread fake news & indulge in rumour mongering against @INCIndia
I reiterate, CONGRESS IS IN MY BLOOD. I’LL NEVER LEAVE THIS IDEOLOGY EVEN IF I HAVE 100 BIRTHS. Your hunger for TRPs won’t change the facts.
— TS Singh Deo (@TS_SinghDeo) August 7, 2021
दरअसल पूरे मामले की शुरुआत एक राष्ट्रीय चैनल द्वारा इस संदर्भ में खबर प्रसारित करने से हुई है. इस चैनल द्वारा प्रसारित खबर के अनुसार मुख्यमंत्री ना बनाए जाने के कारण नाराज स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने इस्तीफा दे दिया है. इस खबर को लोगों ने हाथों-हाथ भी इसलिए लिया क्योंकि स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव दिल्ली में है. वही हाल ही में रामानुजगंज विधायक बृहस्पति सिंह द्वारा जान से मारने का झूठा आरोप लगाया गया था जिसको लेकर उन्होंने नाराजगी जाहिर की थी. हालांकि इस मामले पर उन्होंने सदन में खेद प्रकट किया था।
Reports of TS Singh Deo resigning from his ministerial post are absolutely false and baseless. Rumours are being spread against him: Office of Chhattisgarh Health Minister TS Singh Deo
(File photo) pic.twitter.com/sRV468cMhT
— ANI (@ANI) August 7, 2021
आपको बता दें कि हाल ही में टीएस सिंह देव ने कांग्रेस के ही एक विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा हमले का आरोप लगाने के बाद राज्य सरकार के ‘स्पष्ट बयान’ की मांग करते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया था। सिंहदेव ने कहा था, “मैं खुद को इस सदन के सत्र का हिस्सा बनने के योग्य नहीं मानता, जब तक कि सरकार जांच का आदेश नहीं देती या बयान जारी नहीं करती।”
दिसंबर 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद जब बघेल और उनके दो वरिष्ठ कैबिनेट सहयोगी टीएस सिंह देव और ताम्रध्वज साहू कांग्रेस के प्रमुख दावेदार थे। तब सीएम पोस्ट-शेयरिंग फॉर्मूला छत्तीसगढ़ के राजनीतिक दायरे में चर्चा का विषय रहा है। तभी से कयास लगाए जा रहे थे कि बघेल और टीएस सिंह देव के बीच ढाई साल के सत्ता बंटवारे के फार्मूले के आधार पर शीर्ष पद के लिए आम सहमति बनी है।