दिल्ली:- दिल्ली में बीते 24 घंटों में कोरोनावायरस के 1490 केस आए हैं और दो लोगों ने जान गंवाई है. कल राजधानी में कोरोना के 1367 केस दर्ज किए गए थे. संक्रमण दर भी लगातार चार फीसदी से ऊपर बना हुआ है. राजधनी में इस समय सक्रिय मरीजों का आंकड़ा 5250 पहुंच गया है.

दिल्ली में बढ़ते कोरोना के मामले लोगों को नई लहर की आशंका दे रहे हैं, लेकिन एक्सपर्ट अभी भी ऐसा बोलने से बच रहे हैं. उनके मुताबिक मामले जरूर बढ़े हैं, लेकिन हॉस्पिटलाइजेशन अभी भी कम है. दिल्ली सरकार भी इस ओर लगातार इशारा कर रही है. कहा जा रहा है कि पैनिक करने की जरूरत नहीं है.

वैसे कुछ दिन पहले एक रिपोर्ट में ये जरूर बताया गया था कि दिल्ली का आर वैल्यू देश की तुलना में ज्यादा चल रहा है. आर वैल्यू का मतलब होता है कि एक संक्रमित व्यक्ति कितने और लोगों तक उस वायरस को पहुंचा रहा है. IIT मद्रास द्वारा एक स्टडी की गई है जिसमें पता चला है कि वर्तमान में दिल्ली का आर वैल्यू 2.1 है. देश का आर वैल्यू 1.3 चल रहा है. ऐसे में राजधानी की स्थिति ज्यादा चिंताजनक बनी हुई है.

IIT मद्रास के गणित विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉक्टर जयंत झा ने दिल्ली में बढ़ते मामलों पर कहा है कि अभी सिर्फ इतना कहा जा सकता है कि एक संक्रमति व्यक्ति दो अन्य को भी संक्रमित कर रहा है. अभी हमें दिल्ली के लोगों के इम्यूनिटी स्टैटस के बारे में भी नहीं पता है. जो संक्रमित हो रहे हैं, वे क्या पहले भी हुए हैं या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है.

वैसे दिल्ली सरकार की तरफ से तमाम तैयारियां कर ली गई हैं. अब टेस्टिंग भी रोजाना 30 हजार से ज्यादा की जा रही है और अस्पतालों में बेड बढ़ाने पर भी पूरा जोर रहा है. सरकार का जो एक्शन प्लान है उसके मुताबिक अस्पतालों में 65 हजार अतिरिक्त बेड बढ़ाने पर फोकस है. सरकारी अस्पतालों में बूस्टर डोज को पहले ही फ्री कर दिया गया है.

लेकिन इस एक्शन प्लान के बीच दिल्ली का कोरोना मीटर अभी रफ्तार पकड़ रहा है. देश में भी कोरोना के मामले तीन हजार से ज्यादा दर्ज किए जा रहे हैं. पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले ही कोरोना को लेकर सभी मुख्यमंत्रियों संग एक अहम बैठक की. उस बैठक में उन्होंने कहा कि अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों के टीकाकरण पर जोर देना होगा.