- जिला समिति की अनुशंसा पर ही मिलेगी होम आईसोलेशन की अनुमति
- मरीजो का 17 दिन तक घर में ही रहकर हो सकेगा इलाज
- कलेक्टर श्रीमती कौशल ने जिले में होम आईसोलेशन की अनुमति से संबंधित निर्देश जारी किए
कोरबा:- जिले में अब लक्षण रहित कोरोना मरीजों को घर पर ही रहकर इलाज कराने की सुविधा मिल सकेगी। कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने होम आईसोलेशन (Home Isolation) से संबंधित निर्देश आज जारी कर दिए हैं। लक्षण रहित कोरोना मरीजों को उनके घर मे ही 17 दिन तक रखकर कोरोना का इलाज किया जाएगा। कोरोना मरीजों को होम आईसोलेशन की सुविधा जिला स्तरीय निरीक्षण समिति की अनुशंसा पर ही मिल सकेगी। होम आईसोलेशन की सुविधा लेने वाले मरीजों को कोविड-19 प्रोटोकाॅल तथा होम आईसोलेशन दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। राज्य शासन द्वारा लक्षण रहित कोरोना मरीजों का होम आईसोलेशन में इलाज के लिए प्रबंधन एवं उपचार दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। दिशा-निर्देश के अनुसार मरीज का घर तीन बीएचके तथा मरीज के लिए घर में अलग हवादार कमरा और अलग से शौचालय होना अनिवार्य होगा। किसी भी स्थिति में गंभीर बीमारी जैसे हृदय रोग, कैंसर तथा किडनी के गंभीर रोग इत्यादि से ग्रसित मरीज तथा अकेले रह रहे मरीजों को होम आईसोलेशन की पात्रता नहीं होगी। लक्षण रहित कोरोना पाॅजिटिव पाए गए मरीजों को होम आईसोलेशन की अनुमति देने के पूर्व कोविड-19 के संक्रमण के प्रबंधन के लिए नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारी संक्रमित मरीज को हाॅस्पिटल लाकर उनका काउंसिलिंग करेंगे तथा यह निर्धारित करेंगे कि मरीज लक्षण रहित व होम आईसोलेशन में रखने के लिए उपयुक्त है या नहीं। होम आईसोलेशन किए जाने के लिए उपयुक्त पाए जाने पर ब्लाॅक स्तरीय स्वास्थ्य टीम द्वारा मरीज के घर का निरीक्षण किया जाएगा। टीम द्वारा संक्रमित मरीज के स्वास्थ्य की स्थिति और होम आईसोलेशन के लिए उनके घर की स्थिति की जांच की जाएगी। निरीक्षण टीम द्वारा मरीज से संबंधित होम आईसोलेशन की अनुशंसा रिपोर्ट जिला स्तरीय टीम को प्रस्तुत किया जाएगा। प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर लक्षण रहित संक्रमित मरीज को होम आईसोलेशन के लिए अनुमति जिला स्तरीय टीम द्वारा प्रदान की जाएगी।
होम आईसोलेशन की अनुमति मिलने पर मरीज को दिशा-निर्देशो की जानकारी फोन या वीडियो काॅलिंग के माध्यम से दी जाएगी। होम आईसोलेटेड मरीजों के स्वास्थ्य की अगले 17 दिनों तक विशेष रूप से नियुक्त स्वास्थ्यकर्मी द्वारा फोन के माध्यम से निगरानी की जाएगी। होम आईसोलेशन के 17 दिनों में अगर मरीज को आखिरी 10 दिनों मे बुखार या अन्य लक्षण नहीं रहेगा तो, उसकी जानकारी स्वास्थ्य दल द्वारा चिकित्सक को दिया जाएगा। इसके पश्चात चिकित्सक द्वारा होम आईसोलेशन खत्म करने या नहीं करने के संबंध मे निर्णय लिया जाएगा। होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों की सतत निगरानी के लिए जिला स्तर पर जिला पंचायत कोरबा में कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी जिसके नोडल अधिकारी सीईओ जिला पंचायत कोरबा तथा सहायक नोडल एसडीएम कोरबा होंगे। होम आईसोलेटेड मरीजों के घर से निकलने वाले घरेलू अपशिष्टों का नियमानुसार संग्रहण एवं प्रबंधन नगरीय क्षेत्र में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जनपद पंचायत के द्वारा किया जाएगा। होम आईसोलेशन में रह रहे मरीज के परिजन भी घर से बाहर नहीं जा सकेंगे तथा दैनिक वस्तुओं की उपलब्धता के लिए परिवार मोबाइल के माध्यम से दुकानों से सुविधा ले सकेंगे। दुकानदार या पड़ोस का कोई भी व्यक्ति इस संबंध में उन्हें सहयोग प्रदान कर सकेंगे। पीड़ित परिवार को वस्तुओं की खरीदी की गई राशि का भुगतान दुकानदारों को डिजिटल माध्यम से करना होगा।
कोविड-19 के लक्षण रहित मरीजों को होम आईसोलेशन की अनुमति प्रदान करने के लिए जिला स्तरीय छह सदस्यीय समिति में एडीएम कोरबा अध्यक्ष होंगे तथा आयुक्त नगर निगम, सीईओ जिला पंचायत, सीएमएचओ, एसडीएम तथा नगर पुलिस अधीक्षक सदस्य होंगे। लक्षण रहित संक्रमित मरीज के घर का निरीक्षण ब्लाॅक स्तरीय निरीक्षण दल के द्वारा किया जाएगा। इस पांच सदस्यीय निरीक्षण दल में तहसीलदार अध्यक्ष होंगे तथा बीएमओ, सीईओ जनपद पंचायत, सीएमओ नगर पालिका एवं नगर पंचायत तथा संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी सदस्य होंगे।