भोपाल:- मध्यप्रदेश में एक और बाबू करोड़पति निकला। उसके घर से 2 करोड़ की राशि, नोट गिनने की मशीन, बड़ी मात्रा में सोना-चांदी समेत बैंक खातें और जमीन के दस्तावेज मिले हैं। मामला राजधानी भोपाल का है। क्लर्क किशोर मीणा को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने तीन अधिकारियों के साथ गिरफ्तार किया था। चारों पर सिक्योरिटी एजेंसी से रिश्वत मांगने और लेने का आरोप था।

सिक्योरिटी एजेंसी और अन्य लोगों ने FCI के बाबू किशोर मीणा के खिलाफ सीबीआई से शिकायत दर्ज की थी। उसी आधार पर सीबीआई ने शुक्रवार को सिक्योरिटी एजेंसी का 11 लाख रुपए का बिल पास करने के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत लेते दो अधिकारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया और दो एक संभागीय मैनेजर और क्लर्क मीणा को बाद में गिरफ्तार किया ।

कैश गिनने वाली मशीन और जमीन के कागजात जब्त
शनिवार को सीबीआई ने किशोर मीणा और तीन अन्य अधिकारियों के आवास पर सुबह-सुबह दबिश दी। इसमें तीन अधिकारियों के घर पर सीबीआई टीम को कुछ भी हाथ नहीं लगा. लेकिन क्लर्क मीणा के छोला स्थित घर की तलाशी में  कैश, ज्वेलरी, बैंक खाते और जमीन के कागजत मिले हैं।

किशोर मीणा के घर की तलाशी में एक डायरी, बड़ा लॉकर और नोट गिनने की मशीन भी मिली है। लॉकर में पैसे, सोना और चांदी रखी हुई थी। सीबीआई ने बताया कि एफसीआई के अधिकारी रिश्वत लेकर क्लर्क के घर पर रखते थे। सीबीआई डायरी में  अलग-अलग कंपनियों से फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के अधिकारियों ने जो घूस ली है उसकी डिटेल लिखी हुई है। फिलहाल कार्रवाई जारी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एफसीआई में गुड़गांव की एक सिक्योरिटी कंपनी कैप्टन कपूर एंड संस का टेंडर था, जिसका साल का 11 लाख रुपए का बिल बनता है। एफसीआई के संभागीय मैनेजर हर्ष हिनायना, अकाउंट मैनेजर अरुण श्रीवास्तव और सिक्योरिटी मैनेजर मोहन पराते 10 प्रतिशत कमीशन मांग रहे थे, लेकिन कंपनी इतना पैसे देने को तैयार नहीं थी, कंपनी ने पुराने बिल का 50 हजार और नए बिल के 70 हजार रुपए देने की बात कही और डील पक्की हो गई।