नई दिल्ली:- पीएम नरेंद्र मोदी ने कोपनरोना संकट को लेकर देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज भी देश इससे लड़ रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि हमने पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर का पीक देखा, जिसमें हमने बड़ी संख्या में लोगों को खोया है। तेजी से मेडिकल ऑक्सीजन की मांग बढ़ी थी, जिसकी आपूर्ति के लिए सेना तक को लगाया गया। विदेशों से भी ऑक्सीजन की सप्लाई की गई। इसके अलावा जरूरी दवाओं के उत्पादन से लेकर विदेश से लाने तक में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जैसे अदृश्य दुश्मन से लड़ाई में सबसे कारगर हथियार कोविड प्रोटोकॉल है। मास्क और दो गज की दूरी ही सबसे अच्छा उपाय है।
कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार की शाम को बड़ा ऐलान किया है. योग दिवस यानी 21 जून से देश में 18 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को भारत सरकार द्वारा मुफ्त वैक्सीन लगाई जाए. पीएम मोदी ने ऐलान किया कि राज्यों से वैक्सीनेशन का काम वापस लिया जाएगा और अब केंद्र सरकार ही ये काम करेगी.
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से देश की लड़ाई जारी है, दुनिया के कई देशों की तरह भारत भी बहुत बड़ी पीड़ा से गुजरा है. पीएम मोदी ने कहा कि कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि ऐसी महामारी 100 साल में नहीं आई, देश ने कई मोर्चों पर एक साथ लड़ाई लड़ी है. पीएम मोदी ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में हेल्थकेयर स्ट्रक्चर को बढ़ाया गया. मेडिकल ऑक्सीजन की इतनी कमी कभी नहीं हुई, सेना की तीनों टुकड़ियों को लगाया गया और दुनिया के हर कोने से जो कुछ लाया जा सकता था, वो किया गया.
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ सबसे कारगर हथियार कोविड के प्रोटोकॉल हैं और वैक्सीन सुरक्षा कवच हैं. पीएम मोदी ने दुनिया के कई देशों में वैक्सीन की मांग ज्यादा है और वैक्सीन बनाने की कंपनी कम हैं. भारत के पास अगर अपनी वैक्सीन ना होती तो हाल कुछ और होता, पिछले 50-60 साल का इतिहास यही कहता है कि हमारे यहां दुनिया में वैक्सीन आने के कई दिनों बाद टीका आता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने बच्चों के लिए कुछ चिंता जतायी थी, अत: उनके लिए भी वैक्सीन बनाने का काम जारी है और वैक्सीन का ट्रॉयल चल रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन सुरक्षा कवच है. हमारे देश की आबादी बहुत ज्यादा है ऐसे में अगर हम विदेशी वैक्सीन पर निर्भर रहते तो सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन बहुत कठिन होता. लेकिन हमारे वैज्ञानिकों ने खुद ही वैक्सीन बनाया और हमारे विश्वास पर खरे उतरे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना से लड़ाई के लिए सबसे जरूरी है कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना.