मथुरा:- उत्तर प्रदेश के मथुरा में मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सोमवार देर शाम अखाड़े में बदल गया. दो चिकित्सा अधीक्षकों ने मिलकर व्हाट्सएप चैट पर कमेंट को लेकर एक अन्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ जमकर मारपीट की. मारपीट के दौरान बाहरी लोगों को भी बुलवाया गया था. उधर मामले में सीएमओ ने जांच टीम गठित कर दी है. सीएमओ रचना गुप्ता का कहना है कि विभाग का आंतरिक मामला है, सुलझा लिया जाएगा.

बताया जा रहा है कि एसोसिएशन के चुनाव होने वाला है, जिसकी बैठक के लिए डॉक्टर्स आये थे और कमेंट से शुरू हुआ. देखते ही देखते विवाद वर्चस्व की जंग में तब्दील हो गया. वर्चस्व के पीछे की वजह विभाग में मलाईदार पदों पर काबिज होने के लिए बताई जा रही है.

सड़क पर हुई इस मारपीट की वजह से सीएमओ को भी सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा और इस झगड़े को आंतरिक मामला बताते हुए जल्द ही सुलझा लेने का भरोसा दिया. उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी गठित कर दी गयी है, जो जल्द ही इस मसले पर रिपोर्ट देगी. उसी आधार पर कार्यवाही होगी.

ये है पूरा मामला
दरअसल गोवर्धन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ विजेंद्र सिंह सिसौदिया, बरसाना प्रभारी मनोज वशिष्ठ और फरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर गोपाल बाबू गर्ग के बीच व्हाट्सएप ग्रुप पर चैट को लेकर पहले विवाद हुआ और बाद में मारपीट शुरू हो गई. बताया जा रहा है कि व्हाट्सएप ग्रुप पर रविवार की रात को चल रही चैटिंग के दौरान किसी बात पर दोनों डॉक्टरों में विवाद हो गया था. इस मामले में दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दी थी.

सोमवार की शाम को सीएमओ कार्यालय स्थित सभागार में सरकारी चिकित्सक बैठक कर रहे थे. बैठक खत्म कर जैसे ही डॉक्टर बाहर निकले तभी वहां मौजूद कुछ लोगों ने फरह स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. गोपाल बाबू को घेर लिया और मारपीट शुरू कर दी. लेनदेन का मामला भी बताया जा रहा है. इस मारपीट में कुछ बाहरी लोगों को भी बुलवाया गया था जिन्होंने मारपीट की. विभाग के आंतरिक मामले में बाहरी लोगों को बुलाकर पिटाई कराये जाने से विभाग के लोगों मे रोष है.