लखनऊ:- यूपी एटीएस ने अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट से जुड़े 4 आरोपियों प्रकाश रामेश्वर कांवरे उर्फ एडम, कौशल आलम, भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, फराज शाह के खिलाफ एटीएस-एनआईए की स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है. एटीएस ने आरोपियों के खिलाफ देशद्रोह, यूपी में बने अवैध धर्म परिवर्तन के कानून, आपराधिक साजिश समेत कई धाराओं में चार्जशीट दाखिल की है.

यूपी एटीएस के अनुसार अवैध धर्मांतरण गिरोह के अब तक 16 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. जिसमें उमर गौतम, जहांगीर आलम, इरफान शेख, सलाउद्दीन, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद के खिलाफ चार्जशीट भी दाख़िल हो चुकी है.

चार्जशीट के मुताबिक विवेचना में प्रकाश कांवड़े उर्फ एडम, फ़राज़ शाह, कौसर आलम और भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफ़ा के खिलाफ ऐसे सबूत मिले हैं, जिससे पता चलता है कि एक बड़ी आपराधिक साजिश के तहत एक देशव्यापी अवैध धर्मांतरण का गिरोह चलाया जा रहा था. जिसके तार इंटरनेशनल स्तर भी कुछ संस्थाओं से जुड़े हैं.

चार्जशीट के मुताबिक आरोपी आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों, महिलाओं, दिव्यांगों विशेषकर मूक-बधिर लोगों को बहला फुसलाकर, डराकर, बलपूर्वक, नाजायज दबाव डालकर, लोगों को उनके धर्म के बारे में भ्रामक तथ्य बताकर धर्म परिवर्तन कराते हैं. ये गिरोह भारत की जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने की साज़िश रच रहे थे और धर्मनिरपेक्ष देश को शरीयत से चलाने की साजिश रच रहे थे. चार्जशीट में लिखा है कि  यूएसए, यूके, खाड़ी देशों की संस्थाओं से इस सिंडिकेट को फंडिंग मिल रही थी. उमर गौतम और उसके साथियों को ब्रिटेन के अल फला ट्रस्ट से 57 करोड़ रुपये मिले थे. मौलाना कलीम के ट्रस्ट को 22 करोड़ रुपए की फंडिंग हुई थी.