मुंबई/वाशिंगटन:- धरती के अब तक के सबसे करीब से ऐस्‍टरॉयड 2020 QG रविवार को गुजर गया। कार के आकार के इस ऐस्‍टरॉयड के बारे में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा समेत किसी को भनक तक नहीं थी। दो आईआईटी-बॉम्बे के छात्र, जिनका नाम कुनाल देशमुख और कृति शर्मा है, ने इस ऐस्‍टरॉयड का जब पता लगाया तो वैज्ञानिकों के होश उड़ गए। दुनियाभर के वैज्ञानिकों में इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई।

कुनाल और कीर्ति की इस खोज के तत्‍काल बाद इसे धरती के सबसे करीब से गुजरने वाला ऐस्‍टारॉयड घोषित कर दिया गया। नासा ने बताया कि यह ऐस्‍टरॉयड 2950 किमी की ऊंचाई से हिंद महासागर के ऊपर से सुरक्षित तरीके से गुजर गया। इससे पहले सबसे करीब से गुजरने का रेकॉर्ड asteroid 2011 CQ1 के नाम था। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, 2020 QG की तुलना में पृथ्वी से लगभग 2,500 किमी अधिक ऊपर से गुजरा था।

इस ऐस्‍टरॉयड की पहचान करने वाले कुनाल देशमुख आईआईटी बांबे में फाइनल ईयर के छात्र हैं। कुनाल देशमुख और कीर्ति शर्मा एक रिसर्च पर काम कर रहे थे जिसका नाम था “Near Earth Asteroids”। कुनाल, कीर्ति शर्मा और चेन-येन हूसू ताइवान के नैशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में तस्‍वीरों का अध्‍ययन कर रहे थे। इस ऐस्‍टरॉयड का पता कैलिफोर्निया के जेटीएफ केंद्र के जरिए पता लगाया गया। यह केंद्र उन ऐस्‍टरॉयड का पता लगाता है जो अन्‍य टेलिस्‍कोप की मदद से पकड़ में नहीं आते हैं।

जेटीएफ केंद्र हर दिन करीब एक लाख तस्‍वीरें खींचता है। कुनाल और उनके दोस्‍तों ने इन्‍हीं तस्‍वीरों में से 5 ऐसी चीजों की पहचान की जो ऐस्‍टरॉयड हो सकते हैं। बाद में इनमें से एक की पुष्टि हो गई। ऐस्‍टरॉयड का पता लगने के बाद तत्‍काल इसकी जांच के लिए कई और टेलिस्‍कोप लगाए गए ताकि उसके बारे में और ज्‍यादा जानकारी हासिल की जा सके। जेटीएफ के सह जांचकर्ता टॉम प्रिंस ने कहा, ‘ऐस्‍टरॉयड धरती के इतना करीब से गुजरा था कि पृथ्‍वी का गुरुत्‍वाकर्षण उसकी कक्षा को बदल सकता था।’ ऐस्‍टरॉयड 2020 QG आकार में 3 से 6 मीटर चौड़ा है या लगभग एक एसयूवी के आकार के रूप में कहा जाता है।