- मन को प्रफुल्लित व उमंग उत्साह से भरपूर करने प्रकृति को करीब से महसूस करने व प्रकृति प्रति प्रेम की भावना उत्पन्न करने आई पी एस दीपका नें लॉकडाउन के दौरान आयोजित की रैन डे सेलिब्रेशन
कोरबा:- आई.पी.एस. विद्यालय द्वारा निरंतर छोटी-छोटी गतिविधियों का आयोजन करवाया जाता रहा है व लॉक डाउन के दौरान जबकि सभी बच्चे घरों में ही हैं ऐसे परिस्थिति में एक दूसरे से सामूहिक रूप से जुड़ने हेतु ऑनलाइन प्लेटफार्म एक बेहतर विकल्प के तौर पर इस्तेमाल की जा रही हैं, आज रैन डे के अवसर पर विद्यालय बच्चों को बारिश का आनंद लेते हुवे तस्वीरे सांझा करने की एक्टिविटी ऑर्गेनाइज की गई थी
आई.पी.एस. के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जुलाई महीने में होता है जब दक्षिण.पश्चिम मानसून की हवाएँ बहना शुरु हो जाती है। हिन्दी महीनों के अनुसार ये आषाढ़ और श्रावण में आता है। सभी इस मौसम का आनन्द उठाते है क्योंकि ताजी हवा और बारिश के पानी वजह से इस मौसम में पर्यावरण बिल्कुल साफ सुंदर और शीतल हो जाता है। बारिश के पानी से पेड़ व पौधे और घास बहुत हरे भरे सुंदर और आकर्षक दिखाई देते है साथ ही लंबे गर्मी के मौसम के बाद उनमें नयी पत्तियाँ भी आती है। पूरा वातावरण हरा.भरा हो जाता है जो आँखों को सुकुन पहुँचाता है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के बच्चों द्वारा बारिस की फुहारों का स्वागत कुछ अलग अंदाज में किया गया। विद्यालय द्वारा में ’रैनी डे सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया। जिसमें बच्चे घर के टैरिश व गार्डन में रंग-बिरंगे छातों और रैन कोट के पोषाक में बड़े ही आकर्षक लग रहे थे । सभी नन्हे- मुन्हे बच्चों ने जमकर रैनी डे सेलिब्रेषन का लुत्फ उठाया। कर्णप्रिय संगीत की धुनों पर बच्चों ने पूरी तन्मयता के साथ नृत्य किया।बच्चों को बारिश के वास्तविक आनंद का एहसास कराने के लिए बारिष की फुहारों का बौछार स्प्रिंकलर के माध्यम से किया जा रहा था । फुहारों की बूँदें जैसे ही बच्चों को स्पर्ष करती थी, बच्चों के चेहरे पर मनमोहक मुसकान उभर आती थी । अनेक प्रकार के रैन से रिलेटेड गानों पर बच्चे पूरे मजे लेकर थिरकते थे।बच्चों के चेहरे पर खुषियों की झलक देखते ही बनती थी। सभी विद्यार्थियों ने रैनी डे सेलिब्रेषन का भरपूर मजा लिया।
विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे पहनावे में बच्चों की छवि देखते ही बनती थी । सभी बच्चों के मुखमंडल पर एक अलग ही भाव उत्तपन्न निर्मित हो गया था जो कि आनंद और उल्लास का था । सभी के चेहरे से थकान और मायूसी गायब हो गई थी ।
विद्यालय के प्राचार्य श्री संजय गुप्ता ने कहा कि विद्यालय स्तर में अध्ययन के साथ-साथ अन्य गतिविधियों पर भी ध्यान देना अति-आवष्यक है । लगातार पढ़ाई करने से मन में भी पढ़ने के प्रति अरुचि उत्पन्न हो जाती है | और बच्चे ऑनलाइन कक्षा में पूरा ध्यान नहीं दे पाते । ऐसी स्थिति में यदि पढ़ाई के मध्य में कभी-कभी बच्चों के मनोरंजन के लिए छोटी-छोटी गतिविधियों का आयोजन किया जाए तो विद्यार्थियों के लिए पाठ्य सहगामी क्रियाओं के दृष्टिकोण से लाभदायक सिद्ध होता है।