देश में तेजी से पांव पसार चुके कोरोना की महामारी के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और आपदा के समय मुनाफाखोरी करने वालों को लेकर सख्त हुई हरियाणा सरकार ने अब डॉक्टरों के लिए भी सख्त आदेश जारी किया है. कोरोना पर काबू पाने के लिए हरियाणा सरकार ने आदेश दिया है कि अब सर्दी, खांसी और बुखार के मरीजों का बगैर कोरोना टेस्ट के इलाज नहीं होगा.
हरियाणा सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बगैर कोरोना टेस्ट के सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों का इलाज किया तो संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा है कि अगर डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमण के लक्षण वाले मरीजों का बगैर टेस्ट कराए इलाज करेंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है.
हरियाणा में नए स्ट्रेन के 200 से अधिक मामले अब तक सामने आ चुके हैं. इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री विज ने कहा कि किसी को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. कोरोना के नए स्ट्रेन का भी वही इलाज है जो कोरोना का पहले से ही चल रहा है. उन्होंने कहा कि नए स्ट्रेन के सभी मरीजों का भी सूबे का स्वास्थ्य विभाग उपचार कर रहा है. विज ने रेमडिसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी करने वालों से भी सख्ती से निपटने की बात कही.
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमितों की तादाद हरियाणा में भी तेजी से बढ़ रही है. कोरोना की तेज रफ्तार के बीच आम जनता और डॉक्टरों की लापरवाही के मामले भी निरंतर सामने आ रहे हैं. प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं कि कोरोना के लक्षण दिखने पर भी लोग कोरोना टेस्ट कराने की बजाय निजी अस्पताल या अन्य डॉक्टर्स से उपचार करा ले रहे.