बिजनौर:- यूपी के बिजनौर में सिंचाई विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल उस समय खुल गई, जब नवनिर्मित सड़क का शुभारम्भ करने पहुंची बीजेपी विधायक सुचि चौधरी ने सड़क पर नारियल तोड़ना चाहा तो नारियल तो टूटा नहीं, लेकिन सड़क जरूर टूट गई. इस दृश्य को देख विधायक नाराज हो गईं और उनके समर्थकों ने जमकर सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर हंगामा किया. इसके बाद नाराज विधायक धरने पर बैठ गईं. जिसके बाद गुरुवार रात में ही पीडब्लूडी के अफसरों ने सड़क की सैंपलिंग की, तब जाकर विधायक ने धरना समाप्त किया.
बीजेपी के नारे ‘सोच ईमानदार, काम दमदार’ को पलीता लगा रहे है बिजनौर जिले के सिंचाई विभाग के अफसर और ठेकेदार. दरअसल हलदौर थाना क्षेत्र के गांव खेड़ा अजीजपूरा में बिजनौर सदर विधायिका सूची चौधरी की विधानसभा इलाके में सिंचाई खंड विभाग द्वारा एक करोड़ 16 लाख 38 हजार की लागत से नहर की पटरी पर साढ़े 7 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है. सड़क का कार्य महज 700 मीटर ही पूरा हुआ था और विभाग में सड़क का शुभारंभ कराने के उद्देश्य से सिचाई विभाग के अफसरों ने सदर विधायक सूची चौधरी को सड़क का निर्माण के शुभारम्भ के लिए बुलाया. जब सदर विधायिका सूची चौधरी भी अपने लाव लश्कर के साथ सड़क का शुभारंभ करने मौके पर पहुंची तो जैसे ही उन्होंने सड़क पर नारियल पटका तो नारियल टूटने की जगह सड़क टूट गई. नारियल से सड़क टूटने के बाद विधायिका आग बबूला हो गईं और विभाग के कर्मचारियों पर घटिया सामग्री लगाने व घोटाले का आरोप लगाते हुए वहीं पर धरने पर बैठ गईं.
डीएम ने गठित की जांच टीम
विधायिका के धरने के बैठने की सूचना पर बिजनौर प्रशासन में हड़कंप मच गया. सूचना पर डीएम बिजनौर ने तत्काल एक जांच टीम गठित की और विधायक को अच्छी सामग्री लगाकर सड़क का निर्माण कार्य कराने का आश्वासन दिया. फिलहाल बिजनौर जिला अधिकारी उमेश कुमार द्वारा गठित की गई टीम मामले में जांच कर रही है. विधायिका सूची चौधरी ने सिंचाई विभाग के जेई, एसडीओ और अधिशासी अभियंता पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन अफसरों की मिलीभगत से ही सड़क में घोटाला किया जा रहा है. विधायक ने घोटाले में शामिल सभी लोगों पर उचित कार्रवाई की मांग की है.