कोरबा/कटघोरा:- क्या कभी दो मेढ़ का तालाब आपने देखा या सुना है..? लेकिन हम आपको बताने जा रहे है दो मेढ़ का तालाब एवं उसको निर्माण कराने वाले अधिकारी तत्कालीन रेंजर रहे प्रहलाद यादव के बारे में जिन्होंने कटघोरा वनमंडल के केंदई एवं पाली वनपरिक्षेत्र में रेंजर रहते के दौरान ऐसे अनेकों भ्रष्टाचार के कारनामो को जमकर अंजाम दिया और अनैतिक कमाई से आज करोड़ो के आसामी बन गए।

ग्रीष्मकालीन मौसम में जंगली जानवरों को पानी के लिए इधर- उधर भटकना ना पड़े और आसानी से उनके लिए पानी की उपलब्धता हो जाए तथा उनके संवर्धन के लिए बीते वर्ष जेमरा सर्किल के रतखंडी मार्ग पर कादल जंगल मे तालाब निर्माण के लिए कटघोरा वनमंडल से लाखों की स्वीकृति प्रदान की गई जहां तत्कालीन रेंजर रहे प्रहलाद यादव द्वारा अपने देखरेख में लाखों के तालाब का निर्माण कराया गया किंतु चार मेढ़ के बजाय दो मेढ़ से निर्माण कराए गए तालाब में बारिश का पानी अपेक्षित रूप से नही रुक पाया और वर्तमान गर्मी के मौसम में गिनती भर बाल्टी पानी उक्त तालाब में देखने को मिल रही है वह भी कुछ दिनों बाद भीषण धूप में सुख जाएगा जिसका लाभ जंगली जानवरों को नही मिल पाएगा इसके अलावा जिस उद्देश्य को लेकर वनमंडल द्वारा तालाब निर्माण के लिए लाखों की स्वीकृति प्रदान की गई थी वह भी निरर्थक साबित हो रहा।

एसडीओ प्रहलाद यादव के तत्कालीन केंदई एवं पाली रेंजरी कार्यकाल में उन्हें विभिन्न कार्यों के लिए कटघोरा वनमंडल से लाखों- करोड़ों की स्वीकृति मिली लेकिन उनके देखरेख में हुए तमाम कार्यों का लाभ देखने को मिला ही नही और उनके द्वारा कराए गए चेकडेम, स्टापडेम, पुल- पुलिया, सीसी रोड, बाउंड्रीवाल, डब्ल्यूबीएम पहुँचमार्ग, तालाब- डबरी निर्माण, पौधारोपण के जैसे कार्यों में ऐतिहासिक भ्रष्टाचार को अंजाम देते हुए अनैतिक रूप से करोड़ो अर्जित किये गए जहां उनके इस कृत्य के लिए उनका नाम स्वर्ण अक्षरों पर लिखा जाना चाहिए क्योंकि होने वाले विभागीय हर एक निर्माण कार्य मे भ्रष्ट्राचार करते हुए करोड़ो की संपत्ति अर्जित करने वाले इस अधिकारी का पाली रेंज में भ्रष्ट कार्यों की कलई खुलने के बाद भी कार्यवाही को लेकर संबंधित आला अफसर सहित वन मंत्रालय भी कुछ नही बिगाड़ पाया और जो वर्तमान में एसडीओ पद पर पदोन्नत होकर कोर क्षेत्र कोटा, अचानकमार टायगर रिजर्व में बतौर सहायक संचालक के रूप में सेवा दे रहे है। ऐसे में इनके लिए ताली बजाना तो बनता है।