बिलासपुर:- बिलासपुर में कोरोना मरीज की इलाज में लापरवाही के चलते मौत मामले में जांच अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। CMHO ने जांच अधिकारियों को सात दिन में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। लेकिन, 18 दिन बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने अब तक अपना पक्ष नहीं रखा है।

जिसकी वजह इस मामले में जांच अब तक पूरी नहीं हो पाई है। जांच अधिकारियों ने अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। ऐसे में शिकायत करने वाले मृतक के बेटे ने जांच में जानबूझकर देरी करने का आरोप लगाया है। मामला व्यापार विहार स्थित महादेव अस्पताल का है।

इस मामले में CMHO डॉ. प्रमोद महाजन ने जांच के लिए दो डॉक्टरों की टीम बनाई थी। इसके साथ ही दो सदस्यीय टीम ने जांच शुरू भी कर दी थी। टीम ने शिकायत करने वाले उनके बेटे प्रेम प्रकाश तिवारी का बयान दर्ज किया। बतौर प्रमाण प्रेम प्रकाश ने दस्तावेजों का पुलिंदा भी जांच टीम को सौंपा था।

10 जनवरी को CMHO ने जांच कमेटी गठित की
सिविल लाइन CSP मंजूलता बाज ने लापरवाही से मौत के इस मामले में 3 जनवरी को CMHO ऑफिस को पत्र जारी कर महादेव अस्पताल के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच के लिए पत्र लिखा था। पत्र में स्पष्ट किया गया था कि कमेटी बनाकर जांच कराई जाए। इसके बाद 10 जनवरी को CMHO ने जांच कमेटी गठित की।

इसमें डॉ. मनीष श्रीवास्तव और डॉ. अनिल श्रीवास्तव को जांच की जिम्मेदारी देते हुए 7 दिन के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा गया। इस दौरान शिकायतकर्ता के साथ ही अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा गया था। मगर अब तक प्रबंधन की तरफ से जवाब नहीं आया है।

जांच अधिकारी बोले-दस्तावेज ज्यादा इसलिए हो रही देरी
जांच अधिकारी डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि अभी मामले की जांच चल रही है। मृतक मरीज के बेटे का बयान दर्ज कर लिया गया है। उसने दस्तावेजों की फाइल दी है। वह बहुत ज्यादा है। इसलिए जांच में देरी हो रही है। परीक्षण किया जा रहा है।

महादेव अस्पताल प्रबंधन को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उन्हें मरीज से संबंधित जांच के दस्तावेज प्रस्तुत करने कहा गया है। लेकिन, अब तक उनका जवाब नहीं आया है।

बेटा बोला-दस्तावेज से सब सपष्ट हो जाएगा
मृतक मरीज के बेटे प्रेम प्रकाश तिवारी का कहना है कि इस मामले को जांच के बहाने जानबूझकर टालमटोल किया जा रहा है। उसने शिकायत के साथ सारे दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। जिसकी जांच से ही स्पष्ट हो जाएगा कि उनके पिता की इलाज में किस तरह से किस तरह से लापरवाही बरती गई है। लेकिन, अब जांच अधिकारी इसे जांच के बहाने लटका रहे हैं और तय समय के बाद भी जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं कर रहे हैं।

क्या है मामला
रतनपुर के भेड़ीमुड़ा निवासी विजय कुमार तिवारी (64) शिक्षा विभाग के रिटायर्ड शिक्षक थे। उनके बेटे प्रेम प्रकाश तिवारी ने बताया कि वे शुगर के मरीज थे। उन्होंने कोरोना वैक्सीन का दोनों डोज लगवा लिया था। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 26 अप्रैल 2021 को उन्हें खांसी आने लगी। तब उनका सिटी स्केन कराया गया। इसमें उनके कोरोना संक्रमित होने की आशंका जताई गई। इसके बाद उन्हें 27 अप्रैल को महादेव अस्पताल में भर्ती कराया गया।

इस दौरान चार मई 2021 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शिकायतकर्ता प्रेमप्रकाश तिवारी ने कहा कि शुगर पीड़ित होने के बाद भी उनके पिता को दवाइंयां नहीं दी गई और इलाज में लापरवाही बरती गई है। यहां तक उनके पिता की मौत के बाद भी दवाइयां देने का आरोप लगाया है।