छोटी दीपावली (Choti Diwali) धनतेरस (Dhanteras) के अगले दिन मनाई जाती है। इसे नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) भी कहते हैं। इस दिन सुबह अभ्यंग स्नान करने के बाद शाम को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की जाती है और घर के बाहर दीपक जलाकर छोटी दीपावली मनाई जाती है।
मान्यता है कि इस दिन यम की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा टल जाता है। कहा जाता है कि इस दिन सुबह-सवेरे स्नान करने के बाद भगवान कृष्ण की पूजा करने से रूप सौंदर्य की प्राप्ति होती है। ऐसी भी मान्यता है कि राम भक्त हनुमान ने माता अंजना के गर्भ से इसी दिन जन्म लिया था। इस दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाती है।
छोटी दीपावली और नरक चतुर्दशी कब है?
धनतेरस के बाद और दीपावली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी और छोटी दीपावली मनाई जाती है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नरक चतुर्दशी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से यह पर्व हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में आता है। लेकिन, इस बार धनतेरस और छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी को लेकर स्थिति साफ नहीं हैं। कई जगह 12 नवंबर को धनतेरस (Dhanteras) मनाया गया है, तो कुछ लोग 13 नवंबर को धनतेरस मनाएंगे। इस साल धनतेरस की तिथि की वजह से छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन मनाई जाएगी। जो लोग 12 नवंबर को धनतेरस मना रहे हैं, वे 13 तारीख को नरक चतुर्दशी मनाएंगे और 14 तारीख को दिवाली। वहीं, जो लोग 13 नवंबर को धनतेरस मनाएंगे, वे दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी भी मनाएंगे।
नरक चतुर्दशी तिथि और स्नान का शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 59 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्त: 14 नवंबर 2020 को दोहपर 02 बजकर 17 मिनट तक
अभ्यंग स्नान का मुहूर्त: 14 नवंबर 2020 को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट तक
कुल अवधि: 01 घंटे 20 मिनट.
नरक चतुर्दशी के दिन स्नान की विधि
– मान्यताओं के मुताबिक, नरक से बचने के लिए इस दिन सूर्योदय से पहले शरीर में तेल की मालिश करके स्नान किया जाता है.
– स्नान के दौरान अपामार्ग की टहनियों को सात बार सिर पर घुमाना चाहिए.
– टहनी को सिर पर रखकर सिर पर थोड़ी सी साफ मिट्टी रखें लें.
– अब सिर पर पानी डालकर स्नान करें.
– इसके बाद पानी में तिल डालकर यमराज को तर्पण दिया जाता है.
– तर्पण के बाद मंदिर, घर के अंदरूनी हिस्सों और बगीचे में दीप जलाने चाहिए.
यम तर्पण मंत्र
यमय धर्मराजाय मृत्वे चान्तकाय च |
वैवस्वताय कालाय सर्वभूत चायाय च ||
नरक चतुर्दशी के दिन कैसे जलाएं दीया ?
कार्तिक चतुर्दशी की रात यम का दीया जलया जाता है. इस दिन यम के नाम का दीया कुछ इस तरह जलाना चाहिए:
– घर के सबसे बड़े सदस्य को यम के नाम का एक बड़ा दीया जलाना चाहिए.
– इसके बाद इस दीये को पूरे घर में घुमाएं.
– अब घर से बाहर जाकर दूर इस दीये को रख आएं.
– घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को न देखें.