बरेली:- स्वास्थ्य विभाग की एक गलती ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी को जोखिम में डाल दिया है। पिछले दिनों मेडिकल कॉरपोरेशन से मिली एंटीजन किट के रद्दी साबित होने के बावजूद उससे करीब 10 हजार लोगों के टेस्ट कर डाले। किट कोई परिणाम नहीं बता पाई लेकिन फिर भी हंगामा होने के डर से ज्यादातर संदिग्ध संक्रमितों को निगेटिव बताकर लौटा दिया गया। हालांकि इन लोगों के आरटीपीसीआर जांच के लिए भी सैंपल लिए गए हैं लेकिन फिर भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उसकी रिपोर्ट आने तक इनमें शामिल संक्रमित कितने और लोगों में संक्रमण फैला चुके होंगे। अफसरों ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है।
मेडिकल कॉरपोरेशन ने कुछ ही दिन पहले करीब दस हजार एंटीजन किट भेजी गई थीं। यह किट मुख्यालय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ मेडिकल मोबाइल यूनिट को भेज दी गईं, लेकिन उनका इस्तेमाल शुरू हुआ तो पता चला कि इस किट में सैंपल डालते ही बिखर रहा है और काफी देर बाद भी वायरल लोड नहीं बता पा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इसकी सूचना सीएमओ को दी गई तो उन्होंने संदिग्ध संक्रमितों के आरटीपीसीआर सैंपल लेने की भी हिदायत दे दी लेकिन बेकार एंटीजन किट से जांच करने है या नहीं, इस बारे में कुछ भी साफ नहीं किया। चूंकि एंटीजन किट से नतीजा न आने की बात बताने पर हंगामा होने का डर था, लिहाजा सैंपलिंग कर रही टीमों ने ऐसे लोगों को निगेटिव बताकर लौटाना शुरू कर दिया। इसी तरह पिछले तीन दिनों में लगभग सारी घटिया एंटीजन किट खपा दी गई।
माना जा रहा है कि जिन लोगों को निगेटिव बताकर लौटाया गया है, उनमें सैकड़ों लोग पॉजिटिव हो सकते हैं और जब तक उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आएगी तब तक वे अपने परिवार के साथ न जाने कितने और लोगों को संक्रमित कर चुके होंगे। खतरा इसलिए और ज्यादा है क्योंकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में हफ्ते से दस दिन का समय लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने अब इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है।
रद्दी किट से जांच में करीब चार गुना कम हुई संक्रमितों की संख्या
एक लैब टेक्नीशियन के मुताबिक पिछले तीन दिनों से मेडिकल कॉरपोरेशन से मिली नई किट से ही जांच चल रही थी। इस जांच में चार से पांच फीसदी ही लोगों के संक्रमित पाए जाने का औसत आया है जबकि इससे पहले वाली किट से यह औसत 18 से 20 फीसदी तक था। इस लिहाज से इस रद्दी किट से पिछले तीन दिनों में हुई नौ हजार से ज्यादा जांच में ऐसे संक्रमितों की संख्या हजारों में हो सकती है जिन्हें निगेटिव बता दिया गया है।
घटिया किट ने घटा दिया संक्रमण
आंकड़े खुद भी गड़बड़ी की गवाही दे रहे हैं। पिछले दो दिनों में पहले दिन जिले में करीब तीन सौ और दूसरे दिन साढ़े चार सौ संक्रमित मिले। इसमें आरटीपीसीआर, निजी लैब और ट्रूनेट से हुई जांच के नतीजे भी शामिल हैं। आशंका जताई जा रही है कि अगर एंटीजन किट से सही नतीजा सामने आता तो यह आंकड़ा हजार के पार पहुंच सकता था।
हर बॉक्स में खराब थीं दो दर्जन से ज्यादा किट
एक जांच कैंप में पहुंचकर अमर उजाला की टीम ने सैंपलिंग कर रही टीम से किट के बारे में जानकारी ली तो बताया गया कि हर बॉक्स में करीब दो दर्जन किट से कोई परिणाम न मिल पाने का औसत बना हुआ है। इसके अलावा यह किट वायरल लोड बताने में भी काफी समय ले रही है। लिहाजा यह कहना मुश्किल है कि किट वायरल लोड सही बता रही है या गलत क्योंकि जो परिणाम सामने आए, उनमें भी ज्यादातर की रिपोर्ट निगेटिव मिली है।
बोले… नई किट देंगे
एंटीजन किट की जांच रिपोर्ट साफ नहीं हो पा रही थी। शिकायतें मिलने पर उन्हें बदलने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार से टीमों को नई किट मिल जाएगी। जो बची किट हैं, वे वापस भेज दी जाएंगी। जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव थी और उनका आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया है, वे होम क्वारंटीन रहें। – डॉ. रंजन गौतम, एसीएमओ जिला सर्विलांस अधिकारी