रायपुर:- कहते हैं ग्राहक भगवान की तरह होता है. जब बैंक जैसे विश्वास पूर्ण प्रतिष्ठान में ही अगर ठगी हो तो सबका भरोसा टूटना लाजमी हो जाता है. छत्तीसगढ़ के रायपुर के तिल्दा के एक 73 साल के बुजुर्ग भी एक महिला सहायक ब्रांच मैनेजर के ठगी का शिकार हो गया. सहायक ब्रांच मैनेजर ने बुजुर्ग को विश्वास में लेकर उसके एटीएम से रकम निकालती रही. आरोपी महिला को पुलिस ने पुणे से गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक तिल्दा के सेवानिवृत्त 73 वर्ष के कर्मचारी मनहरण दास वैष्णव एटीएम का उपयोग करना नहीं आता था, और इसका फायदा इंडसइंड बैंक के सहायक ब्रांच मैनेजर सुष्मिता त्रिपाठी ने उठाया.
बैंक मैनेजर ने बुजुर्ग ग्राहक को पहले वह विश्वास में लिया और उसका एटीएम अपने पास रख लिया. बुजुर्ग ग्राहक बैंक में नियमित रूप से आता था और समय जरुरत के हिसाब से अपने खर्च के लिए रकम निकालता था. ब्रांच मैनेजर इसमें उसकी मदद कर करती थी, लेकिन कुछ समय बाद राशि का आहरण खुद बैंक मैनेजर करने लगी. आरोपी सहायक ब्रांच मैनेजर सुषमा त्रिपाठी ने परिवार के सदस्यों का बीमा खाताधारक के बिना स्वीकृति और अनुमति के कराया था. बीमा की राशि नहीं पटी तो बीमा कंपनी का नोटिस घर पहुंचा. परिवार के सदस्यों ने जब अकाउंट की जांच की तो पता चला की राशि का आहरण हुआ है. शिकायत के बाद तिल्दा पुलिस ने मामले की जांच की जिसमें गड़बड़ियां पाई गई और सहायक ब्रांच मैनेजर पर मामला दर्ज किया गया था.
बदनामी के ड़र से आरोपी को बचाते रहे बैक के जवाबदार अधिकारी
बैंक जैसे संस्थान पर हर ग्राहक भरोसा करता है. जब सहायक ब्रांच मैनेजर ने ठगी की और इसकी शिकायत और जानकारी शाखा प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों को लगी तो मामले का निपटारा करने के बजाए बैंक के बदनामी के डर से उल्टा आरोपी को बचाने का प्रयास किया जा रहा था. आखिरकार तिल्दा पुलिस ने आरोपी महिला को पुणे से गिरफ्तार कर लिया. बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में एक अन्य मामला भी आरोपी सुष्मिता त्रिपाठी के खिलाफ दर्ज है.