छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छाप बिखेरने बच्चों ने स्थानीय वेशभूषा धारण कर छत्तीसगढ़ी गीत पर नाचा प्रस्तुत किये

इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता से हुई परिचर्चा में उन्होंने बतलाया कि आज ही के दिन छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना हुई थी 1 नवंबर, सन 2000 को आज के ही दिन छत्तीसगढ़ राज्य मध्यप्रदेश से अलग होकर अपने अस्तित्व में आया था। जिसकी स्मृति स्वरूप प्रतिवर्ष 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के के तौर पर मनाया जाता है। वैसे तो आई.पी.एस. द्वारा प्रतिवर्ष इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन फिसिकल ऑफललाइन तरीके से करता आया है । पर कोविद 19 पेंडेमिक के मद्देनजर इस बार का कार्यक्रम ऑनलाइन आयोजित किया गया । जिसमे विद्यालय के बच्चों ने छत्तीसगढ़ी वेशभूषा धारण कर छत्तीसगढ़ी गीत की धुन पर ऑनलाइन छत्तीसगढ़ी नाचा प्रस्तुत किये।

आगे आईपीएस के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता ने बतलाया कि छत्तीसगढ़ संस्कृति व सभ्यता की छाप बच्चों के जहन में छोड़ने हेतु, उन्हें यहां की मिट्टी से जोड़े रखने हेतु छत्तीसगढ़ी गीत, व छत्तीसगढ़ी नाचा के माध्यम से कार्यक्रम का आयोजन कर सबको ऑनलाइन माध्यम से ही जोड़ा गया । इस दौरान आईपीएस के डांस टीचर व कोरियोग्राफर राम जी ने कड़ी मेहनत कर बच्चों को छत्तीसगढ़ी सांग पर नाचा प्रस्तुत करने के लिये उन्हें कई दिनों की मेहनत से प्रैक्टिस करवाकर तैयार किया गया था । बच्चे ऑनलाइन ही नृत्य की प्रैक्टिस कर तैयार हुवे, व आज ऑनलाइन माध्यम से सबको एकजुट कर कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस दौरान बच्चे के संग ही संग उनके परिजन भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुवे । सर्वप्रथम आई.पी.एस. के प्राचार्य के द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुवात की गई तत्पश्चात आईपीएस की छात्रा बी मायरा व उदिता कौशिक के द्वारा संयुक्त रूप से नें छत्तीसगढ़ राज्य के राजकीय गीत अरपा पैरी के धार गीत में मनोरम नाचा प्रस्तुत किया, उनके पश्चात आरणा मिश्रा के द्वारा य झुलनिमा झूल के छत्तीसगढ़ी सांग पर नाचा प्रस्तुत किया, गया तदोपरांत हरमन सिंह व उनकी मम्मी ने संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जुड़े यहां के फेमस रावत नाचा प्रस्तुत किया, तत्पश्चात आलिया गौतम नामक छात्रा नें कर्मा नाचा के रूप में मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया, आईपीएस के डांस टीचर व कोरियोग्राफर राम जी ने भी छत्तीसगढ़ ल कहिथे भैया धान के कटोरा गीत में नाचा प्रस्तुत किये कार्यक्रम को विद्यालय के छात्र अभिजीत के द्वारा होस्ट किया जा रहा था । कार्यक्रम के दौरान नन्हे नन्हे बच्चे छत्तीसगढ़ी वेशभूषा धारण कर छत्तीसगढ़ी सांग पर छत्तीसगढ़ी थीम पर नाचा प्रस्तुत कर रहे थे जो कि अत्यंत ही मनभावन दृश्य था । वही एंकरिंग भी अभिजीत के द्वारा छत्तीसगढ़ी भाखा में की जा रही थी । इस दौरान विद्यालय के बच्चों जो कि अपने अपने घरों से ही ऑनलाइन माध्यम से ज़ूम एप पर जुड़कर एकत्रित होकर कार्यक्रम का लुफ्त उठा रहे थे । पिछले 7 महीनों से लॉक डाउन की वजह से विद्यालय में बिन बच्चों के सुना सुना सा लग रहा था वहीं बच्चे भी घर पर रहते बोर महसूस कर रहे थे । वैसे तो विद्यालय के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई बदस्तूर जारी है । व समय समय पर ऑनलाइन ही वेबिनार के माध्यम से कभी सोशल अवेयरनेस प्रोग्राम तो कभी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन ही किया जा रहा है । आज छत्तीसगढ़ महतारी के स्थापना दिवस पर बच्चों ने छत्तीसगढ़ी सांग पर नाचा, छत्तीसगढ़ महतारी को समर्पित करते हुवे अपने अपने नृत्य कला की प्रस्तुति की जिसमे किसी एक कि तुलना दूसरे से करना सायद जायज़ नहीं होगा क्योकि सब कंटेस्टेंट अपने आप मे यूनिक थे व सबने अपने अपने पार्ट को पूरी डेडिकेशन के साथ निभाया

आगे आईपीएस के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कार्यक्रम में उपस्थित हुवे सभी बच्चों व उनके परिजनों को हृदय से धन्यवाद अदा किया जो उन्होंने अपना अमूल्य समय निकालकर कार्यक्रम का हिस्सा बनें साथ ही आईपीएस के बच्चे जिन्होंने नाचा प्रस्तुत किया उनके उत्साहवर्धन हेतु गिफ्ट के पैकेट उन्हें प्रदान कर उनका नृत्य कला का सम्मान किया गया व उनके उज्वल भविस्य की कामना की गई। कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट फेसबुक व यू ट्यूब पर जारी था, आगे डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति व सभ्यता पर गर्व होना चाहिए प्रायः लोग छत्तीसगढ़ी बोलने में शर्माते हैं। इससे गलत प्रभाव पड़ता है । कोई हमारी संस्कृति व सभ्यता को तब और अच्छे से एक्सेप्ट कर उसकी कद्र करते हैं। जब हम उसे एक्सेप्ट कर प्राउड फील करते हैं । हमें स्थानीय भाखा बोलने में हिचकिचाना नहीं चाहिए नाही शर्माना चाहिए। छत्तीसगढ़ हिंदुस्तान के दिल की धड़कन बन चुकी है। आज तीव्र गति से विकसित होता छत्तीसगढ़ राज्य यहां के निवासियों के लिये नित नए अवसर प्रदान कर रहा है । आज छत्तीसगढ़ के स्थापना के 20 बखर हो चुके। पहले तो मध्यप्रदेश के अंतर्गत ही छत्तीसगढ़ भी आता था पर आज से ठीक 20 वर्ष पूर्व आज ही के दिन छत्तीसगढ़ एक नवीन राज्य के रूप में अस्तित्व में आया । यहां की बोली यहां की भाषा, यहां की संस्कृति सभ्यता पर हमें गर्व है । जिस स्थान पर हम जन्म लेते हैं या जिस स्थान पर हम कर्म करते हैं । दोनों ही स्थानों को चाहे वह जन्मभूमि हो कर्मभूमि हो हमें वहां की संस्कृति व से सभ्यता से वाकिफ होना चाहिए व दिल से उसके प्रति सम्मान की भावना भी होनी चाहिए । आगे डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि हम आशा करते हैं जल्द ही देश के साथ साथ राज्य व कोरबा जिले की स्थिति भी सुधरेगी व हम सभी पुनः प्रत्यक्ष रूप से एक दूसरे से मिल पाएंगे । जहां एक तरफ बच्चे घर पर रहकर बोर हो रहे हैं । तो दुसरीं ओर स्कूल भी उन बच्चों के बिना अधूरा व सुना सुना सा लग रहा है । यही प्रार्थना करते हैं । कि जल्द से जल्द स्थिति सामान्य हो । और हम सभी आम दिनचर्या जीते हुवे पुनः सबकी जिंदगी की गाड़ी पटरी पर आजाये । इस कोविद 19 के दौरान सबने अनेक उतार चढ़ाव का सामना किया है । व कुछ समय और हम सभी को धैर्य बनाकर रखना है । सहन शक्ति के माध्यम से परिस्थितियों को सहन कर, परिस्थितियों का सामना करते हुवे इस विपरीत परिस्थिति पर जीत हांसिल करनी है । किसी भी हालत में अपने आप को अकेला नहीं समझना है । हम सब आईपीएस परिवार एक हैं । एक दूसरे को सहयोग करते हुवे हमें तालमेल बैठकर शांति के साथ इस विपरीत परिस्थिति को जितना है । जिसके लिये बच्चों के साथ साथ परिजनों को भी धैर्य बनाकर रखना है । कि कोई भी स्थिति सदा के लिए नहीं रहती यह वक़्त भी चला जायेगा, फिर से नया सबेरा बांहे पसारे हम सभी को नए जीवन जीने का समय प्रदान करेगा । वैसे भी प्रकृति को समर्पित आज का यह प्रोग्राम हमारे छत्तीसगढ़ महतारी के गोद मे बच्चों ने नन्हे नन्हे पैरों से जो रंगारंग नृत्य की प्रस्तुति की है । तो उनके इस तांडव से यह पेंडेमिक रूपी तूफान थम सा जाएगा हम सब जीतेंगे कोरोना हारेगा और अन्य में कार्यक्रम का समापन करते हुवे आईपीएस दीपका के प्राचार्य ने ऑनलाइन कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुकों को धन्यवाद प्रेसित किया गया व कीमती समय निकालकर कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिये सबको तहेदिल से शुक्रिया अदा किया गया । आईपीएस के राजू सर के द्वारा म्यूजिक के साथ राष्ट्रगान गाकर आज का यह कार्यक्रम राज्य के साथ साथ राष्ट्र के नाम समर्पित किया गया, चूंकि राज्य भले ही अलग अलग हों पर दिल से हम सब भारतीय रूपी धागे से जुड़े हुवे हैं । हम सब हिंदुस्तानी हैं ।और जिस तरह प्रत्येक नागरिक के मिलने से राष्ट्र बनता है । ठीक उसी तरह सभी राज्यों के मिलने से भारत बनता है ।वहीं कार्यक्रम के होस्ट अभिजीत ने भी कार्यक्रम की समाप्ति के अलौनसमेन्ट करते हुवे वेबिनार को एंड किया गया ।