कोरबा/कटघोरा:- पेट्रोल- डीजल के वर्तमान आसमानी भाव को लेकर असंभव किंतु यह सत्य है कि जिले के कटघोरा थानांतर्गत छुरी क्षेत्र में पेट्रोल 85 तो डीजल 80 रुपए प्रति लीटर के भाव मे बिक रहा है। इस खबर से आपको आश्चर्य जरूर होता होगा कि इंडिया भर में पेट्रोल के दाम 100 रुपए लीटर से कम नही है फिर छुरी में राहत कैसे..? तो हम विस्तृत रूप से बताते चलें कि इंडियन ऑयल कारपोरेशन कंपनी के पेट्रोलियम पदार्थ यहां उक्त दाम पर बिक रहे है। तथा जिन दोपहिया- चारपहिया व बड़े वाहन मालिकों को इस बाबत जानकारी है वे इसका भरपूर लाभ उठा रहे है।

बता दें कि गोपालपुर में इंडियन ऑयल कारपोरेशन का डिपो संचालित है। जहां से टैंकर डीजल- पेट्रोल भरकर कटघोरा की ओर निकलते है। किंतु उन टैंकरों के पहिये निर्धारित पेट्रोल पंपों की ओर जाने से पहले छुरी में मुख्यमार्ग किनारे स्थित राज ढाबा से लगे चारदीवारी के मुख्य गेट पर पहुँचकर थम जाते है। जिसके चालक सिग्नल रूपी हॉर्न देते है। तब गेट खुलते ही वाहन सीधे अंदर चले जाते है व गेट बंद हो जाता है। तथा कुछ मिनटों बाद गेट पुनः खुलता है एवं वाहन के बाहर निकलते ही फिर गेट बंद हो जाता है। यह क्रम प्रतिदिन तथा अनेकों बार चलता है। सूत्र बताते है कि टैंकर चालको द्वारा उक्त स्थान सहित छुरी- कटघोरा के मध्य दो से तीन अन्य जगहों पर भी 50 से 60 रुपए प्रति लीटर के दर पर डीजल- पेट्रोल दिया जाता है। जिसे बड़े पैमाने पर भंडारित कर 80- 85 के भाव में वाहन मालिकों को बेचा जा रहा है। जिसके जानकार लोग इसका भरपूर लाभ उठा रहे है। और इस प्रकार रोजाना लगभग दस हजार लीटर पेट्रोल- डीजल का गोरखधंधा कटघोरा पुलिस के नाक नीचे खुलेआम चल रहा है। जिसका नजारा छुरी- कटघोरा के मध्य मुख्यमार्ग किनारे कुछ देर रुकने पर आसानी से देखा जा सकता है।

बताया जाता है कि वर्दीधारियों का भी इन स्थानों पर आनाजाना है, किंतु किसी भी प्रकार की कानूनी कार्यवाही शून्य है। ऐसे में सोचनीय बात है कि पुलिस के हाथों में ऐसी क्या चीज थमाई जाती है कि कानून के लंबे हाथ डीजल- पेट्रोल के अफरा- तफरी जैसे अवैध कारोबार करने वाले कारोबारियों के गिरेबां तक नही पहुँच पा रही है..? यह भी बताया जा रहा कि छुरी व इसके आसपास निवासी कुछ जागरूक लोगों के संचालित अवैध कार्य का विरोध करने पर संलिप्त कारोबारियों द्वारा नीचे से ऊपर तक सेटिंग होने तथा किसी भी झूठे व गंभीर प्रकरण में फंसा देने की धमकी दी जाती है। जिसके कारण सभ्य, सीधे लोग इस दो नंबरी कार्य के खिलाफ आवाज बुलंद नही कर पा रहे। ऐसे में पुलिस कप्तान द्वारा जिले के सभी थाना- चौकी प्रभारियों को अवैध कार्यों पर सख्ती से रोक लगाने के दिए गए निर्देश कटघोरा थाना में बेअसर साबित हो रहा है। जिसका लाभ लेकर डीजल- पेट्रोल के खरीद- फरोस्त में लिप्त लोग प्रतिमाह लाखों की कमाई करते हुए दिन दुगनी और रात चौगुनी प्रगति कर रहे है।

बहरहाल जो कार्य जन विरोधी होते है, समाज विरोधी होते है, उन पर रोक लगाना प्रारंभिक तौर पर जिला व पुलिस प्रशासन का काम होता है। जिसके बाद सामाजिक संगठनों की जिम्मेदारी आती है। लेकिन जब स्थानीय पुलिस ही अपने स्वार्थों को महत्त्वपूर्ण मान ऐसे अवैध कारोबारियों को संरक्षण देंगे तो भला गलत कार्यों में संलिप्त कारोबारियों का हौसला बुलंद क्यों नही होगा।