भारतीय शास्त्रीय संगीत गायक पंडित जसराज का सोमवार को अमेरिका के न्यूजर्सी में निधन हो गया है। 90 साल की उम्र में कार्डिएक अरेस्ट की वजह से उनका निधन हो गया। पंडित जसराज का संबंध मेवाती घराने से था। वे पिछले कुछ समय से अपने परिवार के साथ अमेरिका में ही थे।
पंडित जसराज अपने जीवन काल में पद्म विभूषण, पद्म श्री संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, मारवाड़ संगीत रत्न पुरस्कार आदि सम्मानों से नवाजे गए थे। पंडित जसराज का जन्म 28 जनवरी 1930 को हरियाणा के हिसार में हुआ था और सिर्फ चार साल की ही उम्र में उनके पिता पण्डित मोतीराम का देहांत हो जाने के बाद उनके बड़े भाई ने उनका पालन पोषण किया।
संगीत की दुनिया में अपने 80 साल के सफर में पंडित जसराज ने भारत, कनाडा और अमेरिका में संगीत की शिक्षा दी। वहीं उनके कई शिष्य उल्लेखनीय संगीतकार भी बने। शास्त्रीय और अर्ध-शास्त्रीय स्वरों के उनके प्रदर्शनों को एल्बम और फिल्म साउंडट्रैक के रूप में भी बनाया गया है।
पंडित जसराज ने एक अनोखी जुगलबंदी की रचना की। इसमें महिला और पुरुष गायक अलग-अलग रागों में एक साथ गाते हैं। इस जुगलबंदी को जसरंगी नाम दिया गया। सितंबर 2019 में पंडित जसराज को अमेरिका ने एक अनूठा सम्मान दिया और 13 साल पहले खोजे गए एक ग्रह का नाम उनके नाम पर रखा गया। ग्रह की खोज नासा और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन के वैज्ञानिकों ने मिलकर की थी। इस ग्रह का नंबर पंडित जसराज की जन्म तिथि से उलट था। उनकी जन्मतिथि 28/01/1930 है और ग्रह का नंबर 300128 था। नासा का कहना था कि पंडित जसराज ग्रह हमारे सौरमण्डल में गुरु और मंगल के बीच रहते हुए सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। पंडित जसराज ने 2012 में एक अनूठी उपलब्धि हासिल की थी। 82 साल की उम्र में उन्होंने अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव पर अपनी प्रस्तुति दी। इसके साथ ही वे सातों महाद्वीपों में कार्यक्रम पेश करने वाले पहले भारतीय बन गए।