नई दिल्ली:- देश में लगातार बढ़ते कोरोना केस के बीच वैक्सीनेशन का कार्य भी तेजी से जारी है। सरकार की तरफ से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीककरण किया जा रहा है। कोविड-19 से बचने के लिए टीके के दो डोज लगाए जा रहे हैं। पहले डोज के लगभग एक महीने बाद दूसरे डोज लगते हैं लेकिन कई लोगों में देखा जा रहा है कि पहले डोज लगने के कुछ ही दिन बाद वो कोरोना संक्रमित हो जा रहे हैं।

अगर पहले डोज के बाद कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित हो जा रहा है तो उसे क्या करना चाहिए? इसे लेकर आईसीएमआर, नई दिल्ली के प्रमुख डॉ. समीरन पांडा का कहना है कि कोविड -19 के सभी लक्षणों से मुक्त होने के दो से चार सप्ताह बाद दूसरी खुराक ली जा सकती है।वैक्सीनोलॉजिस्ट डॉ. चंद्रकांत लाहारिया का कहना है कि प्राकृतिक संक्रमण भी कुछ महीनों के लिए – कुछ सुरक्षा प्रदान करता है।

डॉक्टरों का कहना है कि यदि किसी व्यक्ति को पहले डोज के एक महीने के भीतर ही संक्रमण हो जाता है तो प्राकृतिक संक्रमण ही एक बूस्टर संक्रमण बन जाता है। इस हालात में दूसरे डोज में कुछ देरी की जा सकती है। हालांकि यह निर्णय छोड़ दिया जाना चाहिए कि क्या वे अभी भी इसे लेना चाहते हैं या देर करना चाहते हैं?

बताते चलें कि कोवैक्सिन के मामले में दो खुराकों के बीच चार सप्ताह का अंतर रखा गया है और कोविशिल्ड के मामले में पहली खुराक के छह से आठ सप्ताह बाद दूसरी खुराक ली जाती है।

बताते चलें कि डॉक्टरों का कहना है कि पहली खुराक के बाद ही आपके शरीर में एंटीबॉड़ी पूरी तरह से नहीं बनती है। दूसरी डोज लेने के 15 दिन बाद वायरस से लड़ने की क्षमता मानव शरीर में बन जाती है। ऐसे में वैक्सीन के दूसरे डोज लगने के बाद भी कुछ दिनों तक पूरी सावधानी बरतना जरूरी है।