कोरबा/पाली:- गाँव के ग्रामीण जनता के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए शासन द्वारा पंचायत को प्रतिवर्ष लाखों की राशि दी जाती है लेकिन जनता तक उसका लाभ पहुँचाने के बजाय निर्वाचित सरपंच उन राशि का उपयोग अपने निजी स्वार्थसिद्धि के लिये करते हुए शासन की मंशा पर ग्रहण लगाने का काम करते है। जनपद पंचायत पाली अंतर्गत ग्राम पंचायत हरनमुड़ी के तत्कालीन महिला सरपंच श्रीमती रूपा मरावी ने भी अपने पंचवर्षीय पंचायत कार्यकाल के दौरान मूलभूत एवं 14वे वित्त योजना मद की राशि में जमकर गड़बड़झाला को अंजाम देने का काम किया जहाँ सचिव श्रीमती मीना टेकाम के साथ मिलकर उक्त योजना के राशि का मनमाने तौर पर दोहन करते हुए पंचायत का बंटाधार करने में कोई कोर- कसर नही छोड़ा गया।तत्कालीन सरपंच द्वारा निर्वाचित होने के अपने प्रारंभकाल में ही गत वर्ष 2015- 16 में शौचालय निर्माण कार्य के नाम पर मूलभूत मद से कुल तीन लाख इकतीस हजार तीन सौ इकहत्तर रुपए राशि का आहरण तो कर लिया लेकिन आज पर्यन्त समय तक उस राशि को पंचायत के खाते में समायोजन नही किया गया।बीते 2020 के पंचायत आम चुनाव में यहाँ से श्रीमती मथुरा जगत सरपंच निर्वाचित हुई है जिन्होंने पंचायत कार्यभार सम्हालते ही पंचायत आय- व्यय का ब्यौरा सचिव से मांगा जिसमे यह बात सामने आयी कि तत्कालीन सरपँच द्वारा शौचालय निर्माण के लिए मूलभूत से आहरित की गई लाखों की राशि का समायोजन ही नही किया गया है और फिर उन्होंने इस मामले में गत 04 जून 2020 को मूलभूत से आहरण किये गए राशि समायोजन के लिए तत्कालीन सरपँच को पंचायत नोटिस भेजा जिसका जवाब ना मिलने पर वर्तमान सरपंच द्वारा पुनः 05 अक्टूबर एवं 02 नवंबर 2020 को नोटिस के जरिये पंचायत खाते में राशि समायोजन की मांग की गई किंतु तत्कालीन सरपंच ने ना तो नोटिस का जवाब देना उचित समझा और ना ही आहरित राशि की खाते में वापसी पर विचार किया। जिसे लेकर वर्तमान सरपँच ने बीते 08 जनवरी 2021 को मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पाली को लिखित शिकायतपत्र देकर तत्कालीन सरपँच पर उचित कार्यवाही करते हुए उनके द्वारा आहरित लाखों की राशि का मूलभूत खाते में समायोजन की मांग की गई है।बता दें कि तत्कालीन सरपंच रूपा मरावी द्वारा अपने पंचवर्षीय कार्यकाल में सचिव मीना टेकाम के साथ मिलकर निर्माण एवं मरम्मत कार्य के नाम पर 14वे वित्त एवं मूलभूत मद की राशि का जमकर बंदरबांट किया गया है जहाँ स्नानागार, पचरी- अहाता निर्माण, कच्चा नाला बंधान कार्य, साफ- सफाई व रंगाई- पोताई जैसे कार्य कागजों पर कराकर ग्राम की जनता को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने शासन द्वारा भेजे गए लाखों की राशि का गबन कर दिया गया तथा ग्राम विकास के बजाय अपने विकास को प्राथमिकता दी गई।यदि जिला प्रशासन द्वारा तत्कालीन सरपंच के कार्यकाल में मूलभूत व 14वे वित्त योजना से कराए गए पांच वर्ष के कार्यों का सही तरीके से जांच कराई जाए तो निश्चित तौर पर एक बड़ा भ्रष्ट्राचार का खुलासा होगा।