लखनऊ:- यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का शनिवार की शाम निधन हो गया। 89 साल की उम्र में शनिवार की शाम उन्‍होंने अंतिम सांस ली। वह कई दिनों से बीमार चल रहे थे। कल्याण सिंह की सेहत को देखते हुए सबसे पहले उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चार जुलाई को उनकी हालत फिर से बिगड़ने पर उन्‍हें यहां से उन्हें पीजीआई में शिफ्ट किया गया था। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनका अंतिम संस्कार सोमवार 23 अगस्त को अलीगढ़ में किया जाएगा। इस दिन सार्वजनिक अवकाश रहेगा। रविवार को कल्याण सिंह का पार्थिव शरीर विधानभवन में और इसके बाद भाजपा कार्यालय में दर्शन के लिए रखा जाएगा। दोपहर दो बजे उनका पार्थिव शरीर अलीगढ़ ले जाया जाएगा जहां 23 अगस्त को गंगा किनारे अंत्येष्टि होगी।

राम-भक्त की छवि
साल 1980 के विधानसभा चुनाव में कल्याण सिंह को हार का सामना करना पड़ा. कल्याण सिंह के बेहद क़रीबी रहे और हाल ही में केंद्रीय मंत्री बने बीजेपी नेता बीएल वर्मा बताते हैं, “भारतीय जनता पार्टी का साल 1980 में जब गठन हुआ तो कल्याण सिंह को पार्टी का प्रदेश महामंत्री बनाया गया. अयोध्या आंदोलन के दौरान उन्होंने गिरफ़्तारी देने के साथ ही कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने का काम किया था.”
“इस आंदोलन के दौरान ही उनकी छवि राम-भक्त की हो गई और ना सिर्फ़ यूपी में बल्कि पूरे देश में उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई. इसीलिए जब साल 1991 में बीजेपी ने पहली बार यूपी में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई तो उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया.”

उत्तर प्रदेश में बीजेपीसरकार बनाने में अहम रोल
नब्बे के दशक की शुरुआत में राजनीति का जो दौर था, उसे मण्डल और कमण्डल यानी आरक्षण और राम मंदिर आंदोलन के तौर पर जाना जाता है. देश भर में एक ओर मण्डल आयोग की सिफ़ारिशों का समर्थन और विरोध चल रहा था, तो दूसरी ओर अयोध्या में राम-जन्मभूमि के लिए आंदोलन चल रहा था.

30 अक्टूबर, 1990 को मुलायम सिंह यादव के यूपी के मुख्यमंत्री रहते हुए अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलाई गई जिसमें कई कारसेवकों की मौत हो गई. बीजेपी ने उनका मुक़ाबला करने के लिए कल्याण सिंह को आगे किया. कल्याण सिंह ने महज़ एक साल में बीजेपी को उस स्थिति में ला दिया कि पार्टी ने 1991 में पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली. मुख्यमंत्री बनने के बाद कल्याण सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ अयोध्या का दौरा किया और राम मंदिर का निर्माण करने के लिए शपथ ली थी.