वड़ोदरा:- उच्च न्यायालय के आदेश पर वड़ोदरा के अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज के स्पर्म लेने के 30 घंटे बाद ही उसकी मौत हो गई। गुजरात के एक युवा दंपत्ति के प्रेम की दास्तान का गुरुवार को करुण अंत हो गया। पिता की देखभाल के लिए कनाडा से भारत में उठे युवक को कोरोना संक्रमण के बाद वडोदरा के स्टर्लिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मल्टीपल ऑर्गन फेल हो जाने के बाद चिकित्सकों ने उसके जीवित रहने की उम्मीद खो दी थी, पत्नी ने जब उसके स्पर्म से ही आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण करने की इच्छा जताई तो चिकित्सकों ने मरीज के अचेत होने व गंभीर रूप से बीमार होने का हवाला देते हुए अदालत से मंजूरी लेने की बात कही थी। महिला ने अपने वकील के माध्यम से मंगलवार को ही हाईकोर्ट में एक अर्जेंट पिटिशन फाइल करके पति के स्पर्म संरक्षित कराने की मांग रखी जिसे न्यायालय ने ग्राह्य रखते हुए अस्पताल प्रबंधन तथा राज्य सरकार को इसकी प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दे दिया था। शुक्रवार को स्पर्म से पत्नी के गर्भ धारण करने का फैसला होना है। लेकिन इससे पहले ही स्पर्म संरक्षित करने के महज 30 घंटे बाद ही पति ने दम तोड़ दिया।
स्टर्लिंग अस्पताल के जोनल निदेशक अनिल नांबियार ने बताया कि गुरुवार को तड़के उसने दम तोड़ दिया, परिजनों को उसका शव सुपुर्द कर दिया है। मल्टीपल ऑर्गन खराब हो जाने के कारण उसकी मौत हो गई कोरोना से संक्रमण के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कनाडा में ही इन दोनों की मुलाकात हुई थी और प्यार हो गया इसके बाद दोनों ने विवाह कर लिया। शादी के तीन चार साल बाद भी इनको कोई बच्चा नहीं हुआ था। पति जब अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूल रहा था तब पत्नी ने उसकी निशानी के रूप में उसके स्पर्म से ही गर्भधारण करने की इच्छा जताई जिसकी प्रक्रिया हाई कोर्ट के निर्देश पर शुरू हो चुकी है।