कोरबा/पाली:- कोरोना संक्रमण के इस दौर में रोजगार बंद रहने से गांव के गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को भुखमरी झेलनी पड़ रही है जहां अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशन कार्डधारियों में कोई भी गरीब और उसका परिवार भूखा पेट न रहे इसके लिए सरकार ने माह मई एवं जून दो माह का चांवल एकमुश्त नि:शुल्क वितरण करने के साथ अतिरिक्त चांवल प्रदाय करने की योजना में काम कर रही है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में कुछ पीडीएस संचालकों द्वारा इस आपदा में अवसर तलाश कर भर्राशाही करते हुए कोरोना उत्सव मनाया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला पाली विकासखण्ड के ग्राम पंचायत चेंपा के उचित मूल्य की दुकान का सामने आया है जहां संचालनकर्ता एकता महिला समूह के द्वारा इस पंचायत के आधे से अधिक राशन कार्डधारियों को उनके लिए जारी बीते अप्रैल माह का चांवल, चना, शक्कर ही वितरण नही किया और हितग्राहियों के घर- घर जाकर उनका फोटो ऑनलाइन अपलोड कर तथा राशन कार्ड में खाद्यान वितरण का उल्लेख कर दिया गया जिसके कारण जरूरतमंद हितग्राही अप्रैल माह में राशन सामाग्री से वंचित रह गए। इस संबंध पर ग्रामीण कंचनबाई ने बताया कि सोसायटी संचालक समूह के सदस्य अप्रैल माह में उनके घर पर आकर मोबाइल टेबलेट से उनकी तस्वीर ली और चले गए राशन के बारे में पूछे जाने पर उनका आबंटन नही आने की जानकारी दी गई। इसी तरह बुधवारा बाई ने भी बताया कि उनका भी तस्वीर घर आकर लिया गया और राशनकार्ड में खाद्यान वितरण का उल्लेख किया गया किंतु उन्हें अप्रैल का राशन नहीं दिया गया। वर्तमान में भी हितग्राहियों को दो माह का चांवल एकमुश्त तो दिया जा रहा है लेकिन उनके अज्ञानता का फायदा उठाकर चना दो किलो व शक्कर 1 किलो ही मात्र दिया जा रहा है जबकि शेष चना, शक्कर वितरण की जानकारी नही दे रहे है व अतिरिक्त चांवल बाद में देने की बात कही जा रही है। हितग्राही कुछ समझ नही पा रहे कि आखिर किस हिसाब से उन्हें पीडीएस का लाभ दिया जा रहा है।

सोसायटी भवन में आबंटन से अधिक क्विंटल में चना व शक्कर का स्टाक:- चेंपा पंचायत में राशन कार्डधारी हितग्राहियों की संख्या 220 है जिन्हें एकमुश्त चांवल के अलावा दो माह का चना, शक्कर भी दिया जाना है लेकिन सोसायटी को वर्तमान एक माह के हिसाब से आबंटन 2.08 क्विंटल शक्कर व चना 4.16 क्विंटल का वितरण ग्रामीणों को किया जा रहा है किंतु उनके अनजान होने का लाभ लेते हुए शेष एक माह का आगे और चना, शक्कर वितरण की जानकारी नही दी जा रही है। सोसायटी भवन में पूर्व से बचत का 2.50 क्विंटल शक्कर एवं चना 4.50 क्विंटल स्टाक में है जिसकी भी जानकारी संबंधित अधिकारी को अबतक नही दी गई है जबकि पीडीएस हितग्राहियों को राशन वितरण करने के बाद नियमतः शेष बचे खाद्यान को समर्पण किया जाना रहता है। ग्रामीणों ने इस बारे में बताया कि समूह द्वारा लगभग 6 वर्ष से सोसायटी का संचालन किया जा रहा है जिसके कारण जमकर मनमानी व भर्राशाही को अंजाम दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने उक्त समूह को हटाकर पंचायत अथवा अन्य दूसरे समूह को कार्य सौंपे जाने की मांग की है। यहां पर यह उल्लेख करना लाजिमी न होगा कि ऐसा हालात एक ही स्थान में नही वरन पाली विकासखण्ड अंतर्गत अनेकों पंचायतों में संचालित उचित मूल्य की दुकान में ऐसी स्थिति निर्मित है जहां औसतन 10 दुकान में 1-2 पीडीएस संचालक ही सही राशन दे रहे है बांकी अपनी मनमानी पर उतारू हैं और 17 का शक्कर 20 रुपए में दे रहे है तथा अतिरिक्त चांवल पर डंडी मार रहे है लिहाजा उपभोक्ता दुकानदार से किसी तरह का बिगाड़ न हो यह सोचते हुए मन मसोजकर रह जाते है जिसका फायदा सोसायटी संचालक जमकर उठा रहे हैं।