थाइलैंड:- बिग बॉस तमिल फेम अभिनेत्री वनिता विजयकुमार हाल ही में अपने एक करीबी दोस्त से मिलने थाइलैंड गई थीं, लेकिन उन्हें एयरपोर्ट पर रोक लिया गया. टीवी एक्ट्रेस को जाहिर तौर पर देश में प्रवेश करने के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ा. इस बात की जानकारी खुद वनिता ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए दी है. उन्होंने 4 घंटे के इंतजार के दौरान बैंकॉक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बिताए गए वक्त की आपबीती सुनाई.

उन्होंने बताया कि ये पूरी घटना एक घोटाला थी और उन्हें अंदर एंट्री करने के लिए एक प्रमाण पत्र के प्रिंटआउट की जरूरत थी, जिसके लिए एक्ट्रेस पहले यात्रा से पहले ही एप्पलाई कर चुकी थीं. दिलचस्प बात यह है कि जिस एयरलाइन में उन्होंने यात्रा की, उसके मैनेजर ने अभिनेत्री को बताया कि एयर पोर्ट पर कोई प्रिंटर नहीं था और थाईलैंड में प्रवेश करने के लिए प्रिंटआउट लेने के लिए उन्हें भारत वापस जाने चाहिए.

वनिता विजयकुमार (Vanitha Vijayakumar) ने अपने सोशल नेटवर्किंग पेज पर पोस्ट किया जिसमें उन्होंने SriLankan Airlines कंपनी को टैग करते हुए लिखा, ‘@srilankanairlinesofficial स्कैम… पिछले 3 घंटे में एयरपोर्ट इमिग्रेशन में फंसी…बैंकॉक एयरपोर्ट सुनसान है…कोई ड्यूटी फ्री नहीं, कोई खाना नहीं, कोई कॉफी नहीं..पूरे पूरे समय में कोई प्रिंटर नहीं है. बैंकॉक #suvarnabhoomiairport.. एलिजिबल ट्रैवलर के एराइवल यानी आगमन पर यहां प्रिंट लेने के लिए कोई प्रिंटर नहीं…बैंकॉक में हमेशा ही पैसेंजर के एराइवल पर वीज़ा होता है और अब उनके पास प्रवेश प्रमाणपत्र के लिए एक पॉलिसी है जिसे Thaili pass कहा जाता है जो मुझे भारत से पहले ही मिल चुका है ….पर प्रिंटर नहीं तो देश में यात्री का एंटर नहीं…. …@srilankanairlines ऑफीशियल इतना अशिष्ट (rude) और अनैतिक (unethical) है जो टिकट का अधिक किराया लेने के बाद भी यात्रियों की परवाह नहीं करता … यहां का मैनेजर मुझसे एक नया टिकट खरीदने और प्रिंट आउट लेने के लिए भारत वापस जाने के लिए कह रहा है..’

बाद में 4 घंटे एयरपोर्ट पर बीत जाने के बाद वनिता को आखिरकार एंट्री मिला और इसके बाद उन्होंने फिर एक पोस्ट किया. उन्होंने लिखा, ‘4 घंटे के बाद हार न मानने और अनुचित अस्वीकृति (inappropriate rejection) को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद … मैंने हमेशा व्यावहारिक दृष्टिकोण (practical approach) और दृढ़ता के साथ अपने तरीके से लड़ाई लड़ी और सफलतापूर्वक थाईलैंड में प्रवेश किया…आव्रजन पुलिस (immigration police) को मेरा समर्थन करने और मानवता दिखाने के लिए मैं धन्यवाद देती हूं.’