कोरबा:- कोरबा जिले के बालको नगर स्थित भारत एल्युमिनियम संयंत्र में स्मेल्टर विस्तार परियोजना में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। ये अनिमित्ताएं वहां हो रही है जहां से चुनकर श्रम एवं उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन आते है। मंत्री जी ने कड़े शब्दों में प्रबंधन को अपनी सीमा में रहने की चेतावनी भी दे रखी है लेकिन इस चेतावनी का कोई असर नहीं दिख रहा है। बालको अपने विस्तार परियोजना के लिए सारे नियम कायदे ताक पर रख रहा है जिम्मेदार विभाग पत्र लिख खानापूर्ति भी कर रहा है लेकिन ये सब ढाक के तीन पात वाली कहानी ही साबित हो रही है। यहां अवैध रूप से वनभूमि-सीएसईबी की भूमि पर कब्जा, अवैध पेड़ कटाई समेत चोरी के सामान से नई परियोजना की बुनियाद रखी जा रही है। इस कवायद में जनता के हक के करोड़ो रूपये बालको गबन करने के फिराक में है बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
सरकारी विभागों में पत्र इस बात की साफ गवाही देते है कि कैसे यहां गड़बड़ झाला किया जा रहा है। अकेले सिर्फ ब्लीचिंग प्लांट की अनुमति के मामले में लगभग 7 करोड़ रुपये नगर पालिक निगम को देने है बावजूद अब तक राशि नहीं दी गई है। विभाग पत्र तो लिखते है लेकिन सिंह साहब का प्रभाव यहां कार्रवाई करने की अनुमति नहीं देता है। यही हाल स्थानीय नेताओं तक का है। सत्तासीन नेताओ के अलावा विपक्ष भी कोई मुद्दा नहीं उठा रहा है। मामला यहां पर्यावरणीय नुकसान के अलावा उन करोड़ो रूपये का है जो सरकार के खजाने में जाने से लोगो के हक में कई विकास कार्य हो सकते है लेकिन यहां तो जेब कहीं और भरी जा रही है। हम आपको विस्तार परियोजना से जुड़ी गड़बड़ियों के कुछ अंश बताते है।
अवैध निर्माण और भूमि अतिक्रमण:
बालको की अल्युमिनियम विस्तार की यह परियोजना 5.1 लाख टन प्रति वर्ष (LTPA) क्षमता की है, जिसकी पर्यावरण स्वीकृति 22 अप्रैल 2022 को मिली थी। हालांकि, बालको प्रबंधन, पूर्व विस्तार परियोजना प्रमुख मनीष जैन, और पूर्व सीईओ अभिजीत पति ने पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त होने से पहले ही निर्माण कार्य शुरू कर दिया था।परियोजना के निर्माण का ठेका भारत सरकार की अंडरटेकिंग ब्रिज एंड रूफ कंपनी और ग्रीन एनोड प्लांट का ठेका KEC International कंपनी को दिया गया था दावा है कि ब्रिज एंड रूफ कंपनी 2023 में अधूरा काम छोड़ कर वापस चली गई, जबकि लोग कहते है कंपनी को फोर्सफुली भगाया गया है मामला कोर्ट भही गया। इधर KEC International अभी भी कार्य कर रही है। परियोजना का विस्तार संयंत्र परिसर की प्रस्तावित भूमि से परे जाकर सैकड़ों एकड़ भूमि पर पेड़ों की कटाई कर किया जा रहा है, जिसके लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है। पर्यावरण स्वीकृति के दौरान यह कहा गया था कि संयंत्र परिसर के बाहर कोई भी कार्य नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, बालको प्रबंधन और सहयोगी ठेका कंपनियों KEC International, ACC India, और L&T ने CSEB की शासकीय भूमि पर बड़े झाड़ के जंगल मट की भूमि पर कई एकड़ भूमि में अवैध कब्जा कर सीमेंट बैचिंग प्लांट स्थापित कर दिया है। नगर निगम कोरबा द्वारा इन अवैध बैचिंग प्लांट्स पर ताला लगाया गया था, लेकिन वह ताला कैसे खुल गया, यह आश्चर्य का विषय है।अवैध रेत परिवहन और सप्लाईकोरबा जिले और आस-पास के जिलों से अवैध रेत खनन, भंडारण और परिवहन कर ACC India, KEC International, और L&T में भारी मात्रा में चोरी की रेत इन बैचिंग प्लांट्स में खपाई जा रही है। इस रेत चोरी की बात पर इसलिए भी जोर पड़ता है क्योंकि ये पूरा खेल रात के अंधेरे में खेला जाता है रेत डंप करने पहुंचे किसी भी वाहन के पास रॉयल्टी पर्ची नहीं होती है लेकिन बाद में पर्चियाँ सिंह साहब के आशीर्वाद से जुगाड़ ली जाती है। इससे छत्तीसगढ़ सरकार को भारी राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है। रोजाना सैकड़ों ट्रकों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नदी-नालों से अवैध रूप से रेत निकाली जा रही है। माइनिंग, राजस्व, पुलिस किसी का इस अवैध खेल में जोर नहीं चल रहा है समझा जा सकता है दबाव का स्तर क्या होगा !
बालको चिमनी हादसा:
स्मेल्टर विस्तार परियोजना में सुरक्षा के गंभीर मुद्दे हैं। बालको संयंत्र में पहले भी एक चिमनी हादसा हुआ था जिसमें सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान गई थी। वर्तमान विस्तार परियोजना में भी बड़े-बड़े क्रेन स्ट्रक्चर और ऊंचाई वाले कार्य दिन भर चलते रहते हैं, जिससे फिर से हादसे की आशंका बनी रहती है। अगर कोई हादसा होता है, तो जिम्मेदार कौन होगा? क्योंकि गुणवक्ता के साथ समझौता किसी भी निर्माण को कमजोर करता है।
जांच और कार्रवाई की मांग:
इन गंभीर आरोपों को देखते हुए, जिला प्रशासन और संबंधित सरकारी एजेंसियों से इन अवैध कार्यों की गहन जांच और उचित कार्रवाई की मांग की जा रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को इस मामले में सक्रियता दिखानी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पर्यावरणीय और कानूनी नियमों का पालन हो रहा है। इस प्रकार के अवैध कार्यों को रोकने के लिए स्थानीय जनता और श्रमिक संगठनों को भी जागरूक और सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। इन मुद्दों का निस्संदेह जांच होकर बड़ी कार्यवाही होनी चाहिए