नई दिल्ली:- केरल के अलाप्पुझा जिले में एक महिला कथित रूप से पूरी कानूनी प्रणाली को धोखा देने में कामयाब रही. उसने एलएलबी की डिग्री और राज्य बार काउंसिल में पंजीकृत हुए बिना ही दो साल तक एक वकील के रूप में काम किया. न्यूज मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल महिला ने बार एसोसिएशन का चुनाव भी लड़ा और लाइब्रेरियन के रूप में चुनी गई.
घटना की जानकारी देने वाले लाइव लॉ के मुताबिक, महिला अलाप्पुझा में एक प्रसिद्ध वकील के कार्यालय में कनिष्ठ अधिवक्ता के रूप में काम करके बार को बेवकूफ बनाने में कामयाब रही. इससे पहले, उसने एलएलबी अंतिम वर्ष की छात्रा होने का दावा करने के बाद उसी वकील के साथ इंटर्नशिप की थी. फिर उसने 2019 में बार काउंसिल में पंजीकृत होने का दावा किया और अलाप्पुझा बार एसोसिएशन में शामिल होने के लिए आवेदन किया.
महिला की कथित धोखाधड़ी के बारे में उस वक्त पता चला जब जुलाई में, बार एसोसिएशन को एक गुमनाम पत्र के जरिए सावधान किया गया. इसमें कहा गया था कि महिला के पास कोई कानून की डिग्री या नामांकन प्रमाण पत्र (Enrollment Certificate) नहीं था. पूछताछ और तथ्यों का पता लगाने के बाद, एसोसिएशन ने जिले के मुख्य न्यायाधीश को सतर्क किया और अलाप्पुझा उत्तर पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज की.
बार का सदस्य बनने के लिए, एलएलबी डिग्री धारक को किसी भी बार काउंसिल में अपना नाम लिखाना होता है और नामांकन संख्या एवं प्रमाण पत्र प्राप्त करना होता है. यही वजह है कि आरोपी महिला सेसी को केरल स्टेट बार काउंसिल में नामांकित नहीं किया गया था, लेकिन सभी को धोखा देने के लिए उसने एक नामांकन संख्या दी जो तिरुवनंतपुरम के एक अन्य वकील की थी.
गुरुवार 23 जुलाई को सेसी आत्मसमर्पण करने और जमानत लेने के लिए अदालत में पेश हुई. हालांकि अलाप्पुझा पुलिस ने इस मामले में 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित) जैसी गैर-जमानती धाराओं को भी शामिल किया था. माना जा रहा है कि जैसे ही उसे यह पता लगा कि उसके खिलाफ गैर-जमानती अपराधों के तहत मामला दर्ज किया गया था, वह अदालत से भाग गई. जानकारी के मुताबिक, पुलिस अब तक उसका पता नहीं लगा पाई है.