कोरबा/पाली:- शासन ने रोजगार गारंटी योजना इसलिए निकाली ताकि गाँव के ग्रामीण गरीब मजदूरों को ग्राम में ही रोजगार मिल सके। इसके लिए सरकार द्वारा पंचायतों को रोगायो के तहत विभिन्न विकास कार्य हेतु भारी- भरकम राशि जिला अधिकारियों के माध्यम से दिए लेकिन जिन जनता के द्वारा चुने गए सरपंच को यह जिम्मा सौंपा गया वे ही इस योजना का लुटिया डुबोने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहे।पाली विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम पंचायत पटपरा में ही सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा मिलकर रोजगार गारंटी जैसे जनकल्याणकारी योजना में भारी भ्रष्ट्राचार करते हुए जनता के हक पर डांका डालने का काम किया गया।जब गांव की एक जागरूक लड़की ने इसका खुलासा करने की ठानी तो सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक तीनो मिलकर उसके आवाज को दबाने का काम कर रहे है।
भारी भ्रष्ट्राचार के दरिया में डूबे ग्राम पंचायत पटपरा की सरपंच श्रीमती भुनेश्वरी कंवर, सचिव आवेश कुमार व रोजगार सहायक बचपाल सिंह के द्वारा रोजगार गारंटी योजना के कार्यों में फर्जी हाजरी का करामात सामने आया है जिसका खुलासा इस गांव की जागरूक साधना ने किया।शिकायतकर्ता साधना कंवर द्वारा 31 दिसंबर को पाली जनपद सीईओ को दर्जनों महिला- पुरुष ग्रामीण शिकायतकर्ताओं के नामों का उल्लेख किये गए शिकायतपत्र में दर्शाया गया था कि बीते 2020 में मई से जून तक मनरेगा के तहत झोखामुड़ा में नया तालाब का निर्माण कराया गया जिसमें 18 जून से 25 जून तक बिना कार्य के 97 मजदूरों का फर्जी मस्टररोल के सहारे राशि आहरण किया गया।इसी तरह आश्रित ग्राम बखई में ग्रामीण मुरित राम के निजी भूमि पर 01 नवम्बर 2020 से 13 नवम्बर तक डबरी निर्माण का कार्य चला जिसमे 17 से 22 नवम्बर तक कार्य ही नही चला जबकि इस अवधि का भी दर्जनों ग्रामीणों का फर्जी हाजरी भरकर राशि निकाली गई।इसके अलावा 02 जून 2020 से चिर्राझोरखी तालाब गहरीकरण का कार्य प्रारंभ कराया गया जिसमें नियोजित दर्जनभर ग्रामीणों का नाम एक ही दिनाँक में पटपरा से भेलवाटिकरा मार्ग पर मनरेगा के तहत कराए गए पुलिया निर्माण कार्य मे भी अंकित कर गड़बड़झाला किया गया।इस प्रकार एक ही समय में दो अलग- अलग कराए गए कार्य मे दर्जन भर मजदूरों का नाम अंकित कर एक सप्ताह का फर्जी मस्टररोल तैयार किये जाने की शिकायत की गई रही थी।इसके पहले भी शिकायतकर्ता साधना द्वारा मामले में अपनी लिखित शिकायत पाली जनपद कार्यालय में दे चुकी है लेकिन उन शिकायतों पर अधिकारियों ने ध्यान नही दिया किंतु 31 दिसंबर को किये गए शिकायत की खबर सोशल व प्रिंट मीडिया में आने पश्चात संबंधित अधिकारियों के कान खड़े हुए और जांच टीम नियुक्त किया गया जिसके बाद सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा ग्रामीणों को भयादोहन करते यह कहते फिर रहे है कि शिकायत पर जो अधिकारी जांच करने आएगा उसको हमने खरीद लिया है तथा जो भी शिकायतकर्ता ग्रामीण हमारे खिलाफ बयान देगा उसके ऊपर पुलिसिया कार्यवाही होगी और उसे कोर्ट में पेशी जाना पड़ेगा।भ्रष्ट्राचारियों के भयादोहन से ग्रामीण सकते में है।ग्रामीणों के अनुसार सरपँच पति द्वारा यह भी बोला जा रहा है कि कटघोरा विधानसभा विधायक उनका परिवारिक रिश्तेदार है ऐसे में उनका कोई कुछ नही बिगाड़ सकता।अब देखने वाली बात होगी कि पटपरा पंचायत के गड़बड़झाल की निष्पक्ष जांच व कार्यवाही होगी या सरपँच पति के कहे अनुसार सब सेटल हो जाएगा..?