लुधियाना:- पांच माह से दुष्कर्म के आरोपों को झेल रहे विधायक सिमरजीत सिंह बैंस आखिरकार इस मामले में फंस गए हैं। लुधियाना की डिवीजन नंबर छह पुलिस ने पीड़िता की शिकायत के आधार पर विधायक सिमरजीत सिंह बैंस, उनके भाई कर्मजीत सिंह, बलजिंदर कौर, सुखचैन सिंह, परमजीत सिंह पम्मा व विधायक के पीए गोपी शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 354, 354 ए, 506 और 120 बी के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने यह मामला स्थानीय अदालत की तरफ से जारी आदेशों के बाद दर्ज किया है। वहीं सोमवार को शिरोमणि अकाली दल के कार्यकर्ताओं ने पुलिस कमिश्नर दफ्तर के बाहर फिरोजपुर रोड पर चक्का जाम कर बैंस के खिलाफ नारेबाजी की।
महानगर निवासी एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि जनवरी 2018 में उसने 75 गज में बना एक घर 18 लाख रुपये में खरीदा था। 11 लाख रुपये पीड़िता ने दे दिए थे, जबकि 10 लाख रुपये का लोन एक बैंक से लिया था। एक फरवरी को पीड़िता के पति की मौत हो गई थी। इसलिए वह बैंक की किश्तें अदा करने में असमर्थ हो गई थी।
इसके बाद बैंक ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया था। अगस्त 2019 में बैंक ने संपत्ति कुर्क करने का नोटिस जारी कर दिया था। इस मुद्दे को लेकर वह विधायक बैंस के पास गई थी। पीड़िता के अनुसार विधायक ने उसे जसवीर कौर के घर 29 सिंतबर 2020 को बुलाया गया। यहां पर उससे दुष्कर्म किया गया। एक अक्तूबर 2020 को उसे दोबारा जसवीर कौर के घर पर बुलाया गया। उस समय जसवीर कौर घर पर नहीं थी, उसका 26 वर्षीय बेटा घर पर था। विधायक ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
पीड़िता के अनुसार चार अगस्त 2020 से लेकर एक अक्तूबर 2020 तक विधायक बैंस ने उसके साथ 10-12 बार दुष्कर्म किया। इसके बाद पीड़िता ने अपनी शिकायत पुलिस को दी थी। इसके बाद यह मामला लगातार जांच के नाम पर लटक रहा था। अब पीड़िता ने अपने वकील के माध्यम से एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट हरसिमरत सिंह की अदालत में 156(33) सीआरपीसी के तहत याचिका दायर की थी। सात जुलाई 2021 को अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते पुलिस को तुरंत आरोपियों पर मामला दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसकी रिपोर्ट 15 जुलाई से पहले अदालत में पेश करने के लिए कहा गया था।
इससे पहले बैंस ने पीड़ित महिला की शिकायत पर एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत द्वारा मामला दर्ज करने के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में बैंस ने बताया था कि पीड़िता ने उनके व उनके साथियों के खिलाफ याचिका दाखिल की थी, जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए उनके खिलाफ एफआईआर का आदेश जारी करते हुए स्टेटस रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था।