जयपुर:- राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मंत्री पद से छुट्टी तय हो गयी है। परिवार के तीन रिश्तेदारों को PSC में पास कराने के आरोपों से घिरे मंत्री गोंविंद सिंह को हटाने को लेकर पार्टी के भीतर सुगबुगाहट शुरू हो गयी है।  ऐसा खुद मंत्री भी ऐसा मान रहे हैं, दरअसल, डोटासरा पिछले कुछ दिनों से राजस्थान लोक सेवा आयोग की प्रशासनिक परीक्षा में अपने तीन रिश्तेदारों को इंटरव्यू में ज़्यादा अंक मिलने के विवादों से बुरी तरह घिरे हुए हैं।

उनकी बहू प्रतिभा और प्रतिभा के भाई गौरव एर बहन प्रभा को आयोग की परीक्षा के इंटरव्यू में अस्सी अस्सी अंक मिले थे और इसकी बदौलत ये तीनों प्रशासनिक अधिकारी भी बन गए. विवाद इसलिए हुआ क्योंकि तीनों के लिखित परीक्षा में पचास प्रतिशत से कम अंक थे और इस परीक्षा की टॉपर मुक्ता राव को भी इंटरव्यू में सिर्फ़ 77 अंक मिले थे.

विवाद कोर्ट तक पहुंच गया
डोटासरा अपना कोई रोल इस चयन में नहीं होने का दावा करते रहे हैं लेकिन अब ये विवाद कोर्ट तक पहुंच गया है. इसी विवाद के बीच शनिवार को डोटासरा अजमेर के दौरे पर गए थे. इस दौरान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का नतीजा डोटासरा ने जारी किया. रिज़ल्ट जारी करने के बाद डोटासरा ने अधिकारियों के साथ बातचीत में जो कुछ कहा वो सब मीडिया के केमरों में रिकार्ड् हो गया. बोर्ड के अध्यक्ष डा.डी.पी ज़ारोलि ने शिक्षा मंत्री डोटासरा से बोर्ड की कुछ फ़ाइलों को लेकर बात की.

जवाब में जो कुछ शिक्षा मंत्री ने कहा उससे दो बात साबित हो गई. पहली कि राजस्थान में अगले कुछ दिनों में मंत्रिमंडल फेरबदल हो रहा है और दूसरी कि गोविंद सिंह डोटासरा की मंत्री पद से छुट्टी हो रही है. डोटासरा ने बोर्ड अध्यक्ष से कहा कि, वो सोमवार को जयपुर आ जाए तो एक मिनट में काम हो जाएगा. आगे डोटासरा बोले कि जो भी काम हो वो करवा लें क्योंकि वो अब दो पांच दिन के मेहमान हैं.

रिश्तेदारों का चयन डोटासरा की मंत्री की कुर्सी जाने की एक बड़ी वजह बना
डोटासरा का ये बयान अब सोश्यल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. लोग ये मान रहे हैं कि लोक सेवा आयोग की परीक्षा में रिश्तेदारों का चयन डोटासरा की मंत्री की कुर्सी जाने की एक बड़ी वजह है. वैसे डोटासरा अभी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं अगर वो मंत्री पद से हटे तो इस पद पर बने रह सकते हैं. इसकी वजह है डोटासरा की सीएम अशोक गहलोत से बेहद नज़दीकी.