मुंबई:- दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला का रविवार सुबह 62 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. CNN News18 के मुताबिक राकेश झुनझुनवाला कई स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे और कुछ सप्ताह पहले उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी. आखिरी बार अकासा एयर के लॉन्च पर वह देखे गए थे. स्वास्थ्य बिगड़ने पर झुझुनवाला के परिजन उन्हें रविवार सुबह अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उन्होंने अंतिम सांसें लीं. मिडास टच वाले निवेशक को भारत का वॉरेन बफे कहा जाता था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राकेश झुनझुनवाला के निधन पर शोक व्यक्त किया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘राकेश झुनझुनवाला एक अदम्य साहस वाले व्यक्ति थे, जीवन से भरपूर, मजाकिया और व्यावहारिक. वह अपने पीछे वित्तीय दुनिया में एक अमिट योगदान छोड़ गए हैं. वह भारत की प्रगति के प्रति भी बहुत भावुक थे. उनका जाना दुखद है. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ॐ शांति.’

वह एक ट्रेडर होने के साथ चार्टर्ड एकाउंटेंट भी थे, और देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे. राकेश झुनझुनवाला हंगामा मीडिया और एप्टेक के अध्यक्ष होने के साथ साथ वाइसरॉय होटल्स, कॉनकॉर्ड बायोटेक, प्रोवोग इंडिया और जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के निदेशक भी थे. हाल ही में उन्होंने आकासा एयरलाइंस लाॅन्च की थी. अरबपति निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने 40% हिस्सेदारी के लिए अकासा एयर में 50 मिलियन डॉलर का निवेश किया था.

झुनझुनवाला ने 1985 में 5,000 रुपये का निवेश किया, जो 2018 में 11000 करोड़ हो गया 
राकेश झुनझुनवाला जब कॉलेज में थे तभी उन्होंने शेयर बाजार में अपना भाग्य आजमाना शुरू कर दिया था. उन्होंने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में दाखिला लिया, लेकिन स्नातक होने के बाद दलाल स्ट्रीट में पहली बार गोता लगाने का फैसला किया. झुनझुनवाला ने 1985 में 5,000 रुपये का पूंजी में निवेश किया था. वह पूंजी सितंबर 2018 तक बढ़कर 11,000 करोड़ रुपये हो गई थी. अपने पिता को दोस्तों के साथ शेयर मार्केट को लेकर चर्चा करते हुए सुनने के बाद, राकेश झुनझुनवाला को इसमें दिलचस्पी हुई थी.

राकेश झुनझुनवाला अक्सर अपने पिता की कही वह बात दोहराते, कि शेयर मार्केट में निवेश करने वालों को नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ना चाहिए. क्योंकि समाचार ही हैं, जो शेयर बाजार में उतार.चढ़ाव का कारण बनते हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, झुनझुनवाला के पिता ने उन्हें शेयर बाजार में काम करने की अनुमति दी, लेकिन उन्होंने किसी प्रकार की वित्तीय सहायता देने से इनकार कर दिया और दोस्तों से पैसे उशार मांगने से मना किया.