पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अनोखा फैसला सुनाते हुए कहा है कि 19 साल का लड़का और 21 साल की लड़की को एक साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने का अधिकार है. क्योंकि वह बालिग हो चुका है इसलिए उसे इस आधार पर साथ रहने की अनुमति से वंचित नहीं किया जा सकता है कि उसका अभी शादी की वैध उम्र नहीं है. हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई करते हुए एकल पीठ के जज अरुण कुमार त्यागी ने कहा मौजूदा मामले में याचिकाकर्ता बालिग होने के कारण लिव-इन-रिलेशनशिप में एक साथ रहने के हकदार हैं. इसलिए प्रतिवादी नंबर चार और पांच से किसी भी नुकसान के खिलाफ अपने जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के भी हकदार हैं.
चूंकि याचिकाकर्ता ने लड़की वालों के परिवार से अपनी जान को खतरा बताया था और इस संबंध में मोहाली पुलिस में आवेदन भी दर्ज किया था, इसलिए कोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस को यह निर्देश दिया कि जीवन की सुरक्षा और स्वतंत्रता के तहत युगल को उचित सुरक्षा प्रदान करें.
युगल को आवश्यक सुरक्षा प्रदान करें
इस युगल ने लड़की के परिवार से सुरक्षा की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. लड़की का परिवार किसी अन्य के साथ उसकी शादी कराना चाहता है. युगल को कथित तौर पर उनकी पारिवारिक प्रतिष्ठा के लिए परिवार द्वारा जान से मारने की धमकी भी दी गई है. याचिकाकर्ताओं का मानना था कि यद्यपि लड़के की उम्र 19 वर्ष है और उसने शादी के लायक उम्र प्राप्त नहीं की है. इसलिए विवाह योग्य आयु प्राप्त होते ही दोनों का विवाह हो जाएगा.
एक साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे युगल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर आवश्यक सुरक्षा की मांग की थी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया था. इस विषय पर संज्ञान लेते हुए जज अरुण कुमार त्यागी ने पुलिस को निर्देश दिया कि वे युगल के जीवन की सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएं. जज ने कहा, उपरोक्त चर्चा को ध्यान में रखते हुए याचिकाकर्ता नंबर दो वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जिला मोहाली को याचिका में निर्धारित याचिकाकर्ताओं की शिकायतों पर गौर करने के निर्देश के साथ याचिका का निपटारा किया जाता है. साथ ही उनके जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए उपयुक्त कार्रवाई करें जैसा कि परिस्थितियों के अनुसार आवश्यक हो.