शिमला:- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले में एक बड़ा हादसा हुआ है. निगोसारी और चौरा के बीच में अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा टूट गया जिसकी चपेट में हिमाचल रोडवेज़ की एक बस समेत कई गाड़ियां आ गई. अब तक दो शवों को बरामद किया गया है. अब भी 25-30 यात्री लापता हैं. 10 लोग बचाए गए हैं. उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने एबीपी न्यूज़ से खास बातचीत में एक बस के चपेट में आने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि राहत बचाव कार्य जारी है.

हादसा दोपहर 12 बजकर 45 मिनट के आसपास हुआ. अभी भी हादसे की जगह पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं जिससे राहत का काम शुरू करने में काफ़ी दिक़्क़त हो रही है.

मुख्यमंत्री ने ली घटना की जानकारी, अभियान के निर्देश दिए
किन्नौर हादसे पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नजर बनाए हुए हैं, उन्होंने अधिकारियों से राहत बचाव कार्य तेज करने के लिए निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा, ”मैंने पुलिस और स्थानीय प्रशासन को बचाव अभियान चलाने का निर्देश दिया है. एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है। हमें सूचना मिली है कि एक बस और एक कार को टक्कर लग सकती थी. हमें इस पर विस्तृत जानकारी की प्रतीक्षा है.”

गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री और ITBP के डीजी के बात की
किन्नौर में हुए हादसे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल के मुख्यमंत्री से फोन पर बात की है. गृहमंत्री ने मुख्यमंत्री से घटना की जानकारी ली. इसके साथ ही उन्होंने डीजी आइटीबीपी से भी बात की. गृहमंत्री ने प्रभावित इलाके में जल्द से जल्द सुविधाएं पहुंचाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही लोगों को घटनास्थल से निकालने के निर्देश भी जारी किए.

एनडीआरएफ और स्वास्थय विभाग अलर्ट पर
जानकारी के मुताबिक सरकार की पहली प्राथमिकता यह जानने की है कि बस में कितने लोग सवार थे. इसके लिए जिस जगह से बस चली थी वहां से बस में सवार हुए यात्रियों लिस्ट मंगवाई गई है. एनडीआरएफ और स्वास्थय विभाग को अलर्ट पर रखा गया है.

लगातार गिर रहा मलवा, राहत-बचाव कार्य में दिक्कत
डिप्टी कमिश्नर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और स्थानीय बचाव दलों को बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है. सादिक ने बताया कि पत्थर अब भी गिर रहे हैं जिससे बचाव अभियान में कठिनाई आ रही है. उन्होंने बताया कि अभी विस्तृत जानकारी का इंतजार है. एक अन्य स्थानीय अधिकारी ने बताया कि पहाड़ से अभी भी रुक रुक कर मलवा नीचे गिर रहा है. इसलिए राहत बचाव कार्यशुरू करने में दिक्कत आ रही है. प्रशासन पूरे मुस्तैदी से हादसे पर नजर बनाए हुए है.