देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अब हर किसी को 1 मई का इंतजार है क्योंकि इस दिन से देशभर में सभी व्यस्क नागरिकों को कोरोना का टीका लगाए जाने की शुरुआत होगी. महामारी के खिलाफ इस जंग में टीकाकरण अभियान की विशेष भूमिका रहेगी. इस बीच अच्छी खबर है कि आज रात रूसी चिकित्सा सहायता के दो विमान दिल्ली पहुंचने वाले हैं.

रूसी वैक्सीन स्पूतनिक भी 1 महीने से टीकाकरण अभियान में शामिल होगा. सूत्र बताते हैं कि आज भारत और रूस के दोनों राष्ट्र प्रमुखों के साथ गर्मजोशी से बातचीत हुई है. साथ ही दोनों देशों के बीच नए क्षेत्रों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए सहमति बनी है.

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ट्वीट कर रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि आज मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक उत्कृष्ट बातचीत हुई. हमने COVID-19 स्थिति पर चर्चा की, और मैंने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में रूस की मदद और समर्थन के लिए राष्ट्रपति पुतिन को धन्यवाद दिया.

उन्होंने अपने अगले ट्वीट में कहा, हमने अपने विविध द्विपक्षीय सहयोग की भी समीक्षा की, विशेष रूप से अंतरिक्ष अन्वेषण और नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में, जिसमें हाइड्रोजन इकोनॉमी भी शामिल है. स्पूतनिक-वी वैक्सीन पर हमारा सहयोग महामारी से लड़ने में मानवता की सहायता करेगा.

पीएम मोदी ने अपने तीसरे ट्वीट में कहा कि हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी को और गति देने के लिए, राष्ट्रपति पुतिन और मैं हमारे विदेश और रक्षा मंत्रियों के बीच 2 प्लस 2 मंत्रिस्तरीय संवाद स्थापित करने पर सहमत हुए हैं.

इससे पहले 16 अप्रैल को रूस में भारत के राजदूत बाला वेंकटेश वर्मा ने कहा था कि रूसी स्पूतनिक-वी कोरोना वैक्सीन की पहली खेप इसी महीने यानी अप्रैल में ही भारत पहुंच जाएगी.

स्पूतनिक-वी वैक्सीन की मैन्युफैक्चरिंग का नेतृत्व कर रही ‘रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड(RDIF) एजेंसी ने तब कहा था कि भारत 60वां देश बन चुका है जिसने स्पूतनिक-वी कोरोना वैक्सीन के उपयोग की अनुमति दी है. ‘RDIF’ के सीईओ ने कहा कि भारत में स्पूतनिक-वी की 850 मिलियन वैक्सीन डोज हर साल बनने जा रही हैं जो दुनिया के करीब 425 मिलियन लोगों के टीकाकरण के लिए पर्याप्त है.