कोरबा:- बांगो बांध का जल स्तर पिछले चार साल में सर्वाधिक 8.64 मीटर गिरा है। इसकी पूर्ण भराव क्षमता 369.66 मीटर है, जो कम होकर 350.92 मीटर हो गया है। अब तक निस्तारी और बिजली उत्पादन के लिए 7.21 मीटर पानी छोड़ा गया है। शेष 1.43 मीटर पानी भीषण गर्मी के असर से कम हुआ है। बीते वर्ष गर्मी के कारण 1.01 मीटर पानी गर्मी से कम हुआ था, जो इस वर्ष 0.42 मीटर अधिक है।

बांगों बांध का जल भराव पर भीषण गर्मी का असर बीते चार साल की तुलना में सर्वाधिक हुआ है। बांध से सिंचाई, निस्तारी और उद्योगों को पानी देने के अलावा गर्मी के कारण जल स्तर में कमी आती है। इस बार मार्च माह से शुरू हुई गर्मी के बाद 1.43 मीटर पानी तापमान की भेंट चढ़ गई। बीते चार वर्षों के भीतर मई माह शुरूआत में जल स्तर पर गौर किया जाए तो वर्ष 2019 में 351.40 मीटर था। इसी तरह 2020 में 355.76 और 2021 में 352.66 मीटर था। वर्तमान में यह 350.92 हो गया है। मई माह की शुरूआत में जल स्तर आई गिरावट से भीषण गर्मी का अनुमान लगाया जा सकता है।

बताना होगा कि बांगों के दर्री बांध से बालको, सीएसईबी, एचटीपीपी व एनटीपीसी जैसे बड़े उद्योगों को पानी आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले के 72 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलती है। पिछले दो वर्षों से निस्तारी के अलावा ग्रीष्म फसल के लिए भी पानी दी जा रही है। पिछले डेढ़ माह से नहर में पानी छोड़ा जा रहा। बारिश के दौरान पानी के साथ बहकर आने वाली मिट्टी से भी बांध भर रहा है। इसका असर उसके भराव क्षमता पर पड़ रहा। उद्योग और सिंचाई के लिए पानी देने के एवज में बांध से हर साल 48 करोड़ राजस्व आय मिलती है। भराव क्षमता को बनाए रखने के लिए मिट्टी निकासी का काम नहीं किया जा रहा।

मई व जून की गर्मी अभी बाकी
ग्रीष्म में सर्वाधिक गर्मी का महीना अप्रैल और मई को माना जाता है। एक सप्ताह से तापमान का उतार चढ़ाव 41 से 45 डिग्री सेल्सियस के बीच है। गर्मी और बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जल स्तर में गिरावट अभी लगातार जारी रहेगी। विभागीय अधिकारियों की माने तो बांध में पानी पर्याप्त है। सिंचाई और निस्तारी के लिए समस्या नहीं होगी।

बीते दो वर्षों से हो रहा पूर्ण भराव
बीते दो वर्षों पर्याप्त वर्षा होने बांगों में पूर्ण भराव हो रहा। मौसम विशेषज्ञों की माने तो इस बार मानसून आगम जून माह के पहले पखवाड़े में होगी। इस बार भी पूर्ण भराव की संभावना है। बताना होगा कि बीते मानसून शुरू होने के दौरान बांध में 349.12 मीटर पानी था। इस वजह से अगस्त माह में ही पूर्णभराव गया और गेट खोलने की नौबत आ गई। इस बार जल स्तर जिस तरह से कमी देखी जा रही उससे भराव में देरी होने की संभावना है।

निस्तारी, सिंचाई और उद्योग को पानी देने के अलावा भीषण गर्मी के कारण भी बांगों के भराव में कमी आई है। वर्तमान में जल भराव 350.92 मीटर है। बांध में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी है। किसानों की मांग के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा।

एसके तिवारी, मुख्य कार्यपालन अभियंता, बांगो परियोजना