बिलासपुर:- 13 जनवरी को कांग्रेस नेता के घर डकैती के आरोपियो को दबोच कर पुलिस ने खुलासा किया हैं। आरोपियो की गिरफ्तारी के लिये बनाये गए पुलिस के स्पेशल टीमों के द्वारा 4 आरोपियो को गिरफ्तार किया गया हैं तो वही 6 आरोपी फरार हैं, जिनकी गिरफ्तारी का प्रयास किया जा रहा हैं। कांग्रेस नेता ने लावर क्षेत्र के युवक को उसके माता पिता के साथ 5 साल पहले जेल भिजवा दिया था। जिसका बदला लेने के लिये डकैतीकांड को अंजाम दे डकैत अलग अलग रास्तों से फरार हो गए थे। जिन्हें पुलिस की टीमो के द्वारा पकड़ा गया हैं।
दरअसल, मस्तूरी थाना क्षेत्र के दर्रीघाट निवासी कांग्रेस के जिला सचिव टाकेश्वर पाटले 13 जनवरी की सुबह अपने साथी ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष नागेंद्र राय के साथ जांजगीर के अड़भार के अष्टभुजी मन्दिर गए हुए थे। इस दौरान सुबह करीबन 11 बजे 3 बाइक में आये 7 डकैतो ने उनकी पत्नी व बहन के ऊपर कट्टा व चाकू अड़ा कर अलमारी में रखे ढाई लाख रुपये नगद व लगभग तीन लाख की ज्वेलरी लूट कर फरार हो गए थे। डकैती के दौरान पहुँचे कांग्रेस नेता ड्राइवर छोटू से भी डकैतो ने मारपीट की थी। डकैतो ने अलमारी की चाबी नही मिलने पर अलमारी का लॉक तोड़ कर डकैती की थी।
डकैती की सूचना मिलने के घण्टे भर के अंदर ही रेंज आईजी रतन लाल डाँगी व एसएसपी पारुल माथुर घटना स्थल पुलिस टीम के साथ पहुँच गए थे और पीड़ितों से पूछताछ कर डकैतो की गिरफ्तारी के सम्बंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए थे। डकैतो का फर्स्ट फुटेज भागते हुए पंजाब एंड सिंध बैंक के सीसीटीवी में कैप्चर हुआ था। इसके बाद दूसरा फुटेज कोटमिसोनार के आगे के गांव कटघरी में मिला था। पुलिस कप्तान ने आरोपियो की गिरफ्तारी के लिये अलग अलग टीमें बनाई थी। जिनको लोकल इनपुट जुटाने,सीसीटीवी संकलन करने,काल डंम्प जुटाने समेत अलग अलग जवाबदारी सौपी गयी थी।
आरोपियो की पतासाजी व गिरफ्तारी हेतु एसएसपी पारुल माथुर ने एडिशनल एसपी,उमेश कश्यप,रोहित झा,गरिमा द्विवेदी के नेतृत्व में 10 पुलिस की टीमें बनाई थी। जिसमे निरीक्षक प्रदीप आर्य,ऊनि पारस पटेल ऊनि फैजूल शाह, ऊनि शांत साहू को डकैतो के आने व फरार होने के सम्भावित मार्गो के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जवाबदारी दी गयी थी। उक्त टीम ने सीसीटीवी संकलित किया जिसमे 7 आरोपी डकैती कर तिन बाइक में फरार होते दिखे। जिनको प्रार्थी के घर वालो को दिखा कर पुलिस ने तस्दीक की।
100 से अधिक गांव की तलाशी, 1000 सीसीटीवी फुटेज
एडिशनल एसपी गरिमा के नेतृत्व में बनी दूसरी टीम में शामिल निरीक्षक प्रकाश कांत व अन्य ने आरोपियो के हुलिए व बोली भाषा के आधार में तलाश शुरू की। तीसरी टीम के निरीक्षक हरविंदर सिंह व उनकी टीम ने जिले मे पूर्व में घटित हुए डकैती व लूट के आरोपियो की वर्तमान में उपस्थिति व उनकी गतिविधियों की जानकारी जुटाई।
पुलिस को तफ्तीश के दौरान जानकारी मिली कि मस्तूरी क्षेत्र के ही ग्राम गतौरा में डकैती के आरोपी कुछ दिन पूर्व छुटे हैं और घटना दिनांक से ही गायब चल रहे हैं। उक्त डकैती के आरोपियो के साथियों की भी पुलिस ने पतासाजी की। पुलिस को पता चला कि एक गतौरा डकैती कांड में शामिल युवक चिल्हाटी में रहता हैं। सीसीटीवी फुटेज में घटना में शामिल आरोपियो की वीडियो दिखा कर स्थानीय लोगो से पूछताछ की गई,जिसमे पता चला कि उक्त युवक डकैती के एक दिन पूर्व घटनास्थल में गया था और वापस चिल्हाटी आया हैं। चिल्हाटी जा कर पुलिस के द्वारा उक्त युवक के सम्बंध में पूछताछ की गई। जिसमें पता चला कि वापस आने के बाद उक्त युवक अपने मकान में न रुक कर गांव के बाहर में स्थित एक मकान में रुका था।
चिल्हाटी में रुके थे डकैत
पुलिस टीम के द्वारा चिल्हाटी में जा कर पतासाजी करने पर पता चला कि चिल्हाटी निवासी रमजान कुछ दिनों पूर्व हत्या के आरोप में जेल से छुटा हैं और घटना के एक दिन पूर्व अपने साथी अयूब खान व अन्य 4,5 साथियो के साथ मस्तूरी में देखा गया हैं। घटना के बाद से ही आरोपी गांव छोड़ कर फरार हो गए थे।
चिल्हाटी निवासी आरोपी रमजान व अयूब खान डकैती डालने के अपने गांव चिल्हाटी ही पहुँचे थे। पर डकैती के दूसरे दिन अखबारों में छपी सीसीटीवी फुटेज की फ़ोटो देख कर सतर्क होते हुए पकड़े जाने के भय से फरार हो गए थे। जो कि अब तक के नही पकड़े गए हैं। अन्य आरोपी भी लगातार अखबारों की खबरों के माध्यम से पुलिस के मूवमेंट की जानकारी ले कर अपना ठिकाना बदलते जा रहे थे। जिससे पुलिस को आरोपियो को पकड़ने में व्यवहारिक दिक्कते आ रही थी।
राउरकेला व सुंदरगढ़ के जंगलों से हुई दो आरोपियो की गिरफ्तारी
डकैतो की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुई थी। पर तकनीकी विश्लेषण कर आरोपियो की सर्वप्रथम धरपकड़ करने में सफलता निरीक्षक कलीम खान व निरीक्षक प्रदीप आर्य की टीम को मिली। रायगढ़ टीम का नेतृत्व कर रहे प्रदीप आर्य व उड़ीसा गयी टीम का नेतृत्व कर रहे कलीम खान के अलावा फैजुल शाह व सागर पाठक की टीम ने समन्वय बनाते हुए घेराबन्दी कर घटना में शामिल 23 वर्षिय छोटू सिंह, पिता बबलू सिंह को राउरकेला व आनंद टोप्पो को सुन्दर गढ़ के जंगल से पकड़ा. जिनसे पूछताछ में सारा मामला खुल गया। डकैतो ने पहली प्लानिंग जेल के बाद रायगढ़ में की थी।