नोएडा:- दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के हाईटेक शहर नोएडा स्थित नोएडा विकास प्राधिकरण में 12 करोड़ की मुआवजा राशि में घपला किए जाने की खबर सामने आ रही है. प्राधिकरण की आंतरिक जांच में जब आरोप सही पाए गए तो, अथॉरिटी की ओर से आरोपियों के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. जिन तीन आरोपियो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, उनमें नोएडा प्राधिकरण के विधि सलाहकार भी शामिल हैं. मुकदमा दर्ज होने की पुष्टि नोएडा थाना सेक्टर-20 कोतवाली प्रभारी मुनीष कुमार सिंह चौहान ने भी मीडिया से की है.

सेक्टर-20 कोतवाली पुलिस के मुताबिक, मुकदमा नोएडा अथॉरिटी के विधिक अधिकारी सुशील भाटी की शिकायत पर दर्ज किया गया है. दर्ज मुकदमे में जिन तीन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें एक महिला भी शामिल है. इस महिला को ही उसकी विवादित जमीन का 12 करोड़ मुआवजा मिलीभगत से दिलवा दिए जाने का उल्लेख मुकदमे में किया गया है. महिला के अलावा दो अन्य आरोपियों में नोएडा अथारिटी में तैनात एक विधि सलाहकार और दूसरा पूर्व सहायक विधिक अधिकारी है.

1993 में अदालत ने किया था निपटारा
दर्ज मुकदमे के मुताबिक मामला नोएडा स्थित गेझा गांव की एक विवादित जमीन से जुड़े 12 करोड़ के मुआवजे की अदायगी का है. मामला साल 1982 में राजस्व ग्राम गेझा तिलपताबाद निवासी फुंदन की जमीन के मुआवजे से जुडा है. फुंदन की काफी पहले मृत्यु हो चुकी है. उस जमाने में नोएडा प्राधिकरण ने फुंदन की जमीन को अधिगृहीत कर लिया था. जिसके मुआवजे से असंतुष्ट होकर जमीन मालिक ने कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी. साल 1993 में अदालत ने मामले का निपटारा कर दिया. इसके बाद भी फुंदन की बेटी साल 2015 में मुआवजे के मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई.

लीगल सेल को भेजी गई फाइल
हाईकोर्ट ने मामले को खारिज कर दिया. सेक्टर 20 नोएडा कोतवाली में दर्ज मुकदमे के मुताबिक, हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद फुंदन की बेटी ने नोएडा प्राधिकरण के सामने समझौते की अपील दाखिल कर दी. उसने मगर नोएडा प्राधिकरण को यह नहीं बताया कि हाईकोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया है. मामले में अब फंसी फुंदन की बेटी ने नोएडा प्राधिकरण में दाखिल समझौते के आवेदन में कहा था कि, मामला हाईकोर्ट में लंबित है. यह फाइल प्राधिकरण ने अपने लीगल सेल में भेजी.

नोएडा अथॉरिटी को 12 करोड़ की चपत
ताकि विधि सम्मत सलाह लेकर मामला का निपटारा किया जा सके. आरोप के मुताबिक प्राधिकरण के विधिक विभाग ने इस फाइल को कुछ इस तरह घुमा-फिराकर डील किया कि, जिससे नोएडा अथॉरिटी को 12 करोड़ की आर्थिक चपत लग गई. नोएडा प्राधिकरण ने इस मामले की अपने स्तर से जांच कराई तो उसमें साबित हो गया कि, अथॉरिटी को 12 करोड़ की आर्थिक चपत अपने ही विधि विभाग के कुछ सलाहकारों के गलत मश्विरे के चलते लगी है. लिहाजा प्राधिकरण ने आरोपी महिला और अपने विधि सलाहकारों सहित 3 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया.