जबलपुर:- इन दिनों हम सब आम का स्वाद ले रहे हैं, लेकिन एक खास किस्म के आम की इन दिनों बहुत चर्चा हो रही है। मियाजाकी नाम के इस आम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 2.70 लाख रुपए किलो बताई जा रही है। मध्य प्रदेश के जबलपुर में इसके दो पेड़ों की रखवाली में गार्ड और कुत्ते तैनात हैं। आखिर यह आम क्यों इतना खास है और क्यों यह इतना महंगा बिकता है। आइए आपको बताते हैं।
मियाजाकी आम की पैदावार मुख्य रूप से जापान में होती है। यह आम जापान के क्यूशू प्रांत की मियाजाकी शहर में उगाया जाता है और इसी के आधार पर इसका नामकरण किया गया है। इनका साइज भी काफी बड़ा होता है। एक आम का वजहन प्राय 300 से 400 ग्राम के बीच होता है।
जापान में यह आम अप्रैल से अगस्त के बीच होता है। लाल रंग के इस आम में एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा होती है। इनमें बीटा कैरोटीन और फोलिक एसिड भी प्रचुर मात्रा में होता है। यह आम स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक बताया जाता है। यही वजह है कि खरीदार इसकी मुंहमांगी कीमत देने को तैयार रहते हैं।
मियाजाकी इरविन आम का एक प्रकार है, जोकि पीले रंग के ‘पेलिकन आम’ से अलग होता है, जिसे आम तौर पर दक्षिण पूर्व एशिया में उगाया जाता है। मियाजाकी आम दुनिया के सबसे महंगे आमों में से एक है, जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले साल अंतराराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 2.70 लाख प्रति किलोग्राम रही।
मियाजाकी आम जापान में हर जगह आपको मिल सकते हैं और ओकिनावा के बाद जापान में इसका सबसे अधिक उत्पादन होता है। जापानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मियाजाकी में इस आम का उत्पादन 70 और 80 दशक में शुरू हुआ था। शहर गर्म मौसम, देर तक सूरज की रोशनी और भरपूर बारिश इस आम के उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण है।
मियाजाकी आम को निर्यात से पहले सख्त जांच और परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ता है। जिन आम इस सख्त परीक्षण से सफलतापूर्वक गुजरते हैं उन्हें ‘सूर्य का अंडा’ कहा जाता है।