कोरबा:- आई.पी.एस दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बतलाया कि जैसा कि सम्पूर्ण देश मे पिछले 5 महीनों से लॉक डाउन की स्थिति बनी हुई है इस दौरान शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, वहीं इंडस पब्लिक स्कूल के द्वारा ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा व्यवस्था को बदस्तूर जारी रखे हुवे हैं बच्चों को किसी तरह शिक्षा से जोड़े रखने की जद्दोजहद लगातार जारी है, इसी बीच सबके अलग अलग विचार भी मिल रहे हैं कोई इस तरीके को सहीं ठहराता है, तो कोई गलत ठहराता है यह सबका व्यक्तिगत दृष्टिकोण है, पर आई.पी.एस. दीपका को यहां किसी व्यक्ति विशेष के विचार से नहीं बल्कि सभी बच्चों के भविष्य को देखकर चलना है जिसके लिये मौजूदा आई परिस्थिति के अनुसार बच्चों के लिये बेस्ट क्या है उन्हें किसी इंगेज रखा जा सका उन्हें शिक्षा से जोड़कर कैसे रखा जा सके कहने को तो बहोत कुछ है कुछ नेगेटिव कुछ पॉजिटिव पर हमें समस्या के तरफ नहीं बल्कि समस्या के सॉल्यूशन के तरफ ध्यान रखना है चूंकि समस्या के तरफ हम अपना ध्यान रखेंगे तो समस्या का हल नही निकलेगा जब हम अपना ध्यान समस्या की जगह समाधान पर निराकरण पर फोकस करेंगे तब तो समाधान निकलेगा तो मौजूदा परिस्थिति में जो सबसे बेस्ट ऑप्शन है, बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखने के लिये वह ऑनलाइन टीचिंग लर्निंग है ही बेस्ट ऑप्शन नजर आ रहा है चूंकि ऐसी परिस्थिति में बच्चे स्कूल आ नहीं पा रहे तो यहां हमारे पास दो ही रास्ते हैं पहला या तो ऑनलाइन बच्चों को शिक्षा से जोड़े रखना, दूसरा खाली रखना तो ऑनलाइन शिक्षा से जोड़े रखना ही बेस्ट रास्ता है, तो इंडस पब्लिक स्कूल के स्टॉफ जो पिछले तीन चार महीने से अपनी सेवा ऑनलाइन टीचिंग में प्रदान कर रहे हैं उन्हें कोविड-19 योद्धा शिक्षक के तौर पर सम्मानित किया गया ज्ञात हो कि इस वैश्विक त्रासदी के दौरान ऑनलाइन टीचिंग अपने आप मे एक चैलेंज रहा पहले प्रत्यक्ष रूप में पढ़ाने में जितनी मेहनत लगती है अब ऑनलाइन होने से शिक्षकों को दुगनी, तिगुनी, चौगुनी मेहनत करनी पड़ रही है, पहले उन्हें किताबों से ही पढ़ाना पड़ता था अब पहले डिजिटल मटेरियल, कंटेंट तैयार करने पड़ रहे है, उसके पश्चात ही बच्चों को डिजिटल मुहैय्या करवाने के बाद फिर ऑडियो विजुअल स्टडी जिसमे केवल बच्चे ही नहीं बल्कि तीसरी आंख के रूप में उनके परिजनों की नजर भी रहती है कि किस तरह से पढ़ाई हो रही है जिसमे पढ़ाई भी कई मर्तबा अपने घर से करवाने पड़ते हैं इस दौरान बैक ग्राउंड घर की आवाजें उस बीच घर के काम उसी दौरान वैसे ही हालातों में पढ़ाई करवाने जैसे हाउस वियर पहने हों जिसमे सबकी नजर आपकी ओर होती है, आपकी हर गतिविधि पर हर बोल हर एक्टिविटी पर केवल बच्चे ही नहीं बल्कि कई मर्तबा उनके परिजन भी देख रहे होते हैं तो एक छोटी सी गलती भी पहाड़ समान बन सकती है फिर चाहे वह लॉक डाउन के दौरान घर के ओउत्फिट्स वेयरिंग हों या बैक ग्राउंड में चल रहे घर के कार्य या इस तरह की छोटी छोटी अन्य बातें तो सबके सेवा व समर्पण भावना के लिये तथा जिन शिक्षकों ने अपने पर्सोनल घर को प्रोफेशनली इस्तेमाल में लाया अपने पर्सनल समय के साथ भी सेक्रिफाइज किये यूज सभी शिक्षकों का सम्मान किया जाना भी जरूरी है चूंकि जब कोई साधारण से असाधारण कार्य डेडिकेशन के साथ करे तो जब उन्हें उन कार्यों के लिये सम्मानित किया जाता है तो उन्हें अच्छा लगता है व दुगनी तेजी से नई ऊर्जा के साथ वह पुनः कार्य को अंजाम देने के लिए तैयार हो जाते हैं, एक अलग सा माहौल है पूरे देश मे शिक्षा व्यवस्था का किसीको कुछ नहीं पता कि कब तक हमें इस वैश्विक त्रासदी के साथ जीवन जीना है कब तक हम इस तरह से जूझेंगे किसीको कोई खबर नहीं पर इतना जरूर है कि हमें इस परिस्थिति को हर हाल में क्रोस करना है, जब यह काले बादल छठेंगे व सुनहरे बादल हमारा वेलकम करेंगे उस वक़्त तक हमें इसी तरह परिस्थिति का सामना करते रहना है।

आगे इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने बतलाया कि इन सभी डेडिकेशन के पहलुओं को देखते हुवे आई.पी.एस. दीपका के सभी टीचिंग फैकल्टीज को कोविड-19 योद्धा टीचर्स के तौर पर सम्मानित किया ताकि उनका मनोबल बढ़े रहे व अपनी सेवा इस कदर बसदस्तूर जारी रखें शिक्षकगण जिनको कोविड-19 योद्धा टीचर्स के तौर पर सम्मानित किया गया उनके नाम इस तरह से हैं मुकेश अदलखा, श्री एस.शंकर राव, श्रीमती निबेदिता स्वाइन, श्री हेमलाल, श्रीवास, श्रीमती रूमकी हलदार, शुश्री सुमन झा, श्रीमती चंदना साहू, श्रीमती स्नेहा अग्रवाल, श्रीमती शैलजा राव, श्रीमती अनिता जागलान इन सभी शिक्षकों को उनके सेवा व समर्पण भाव के साथ कोविड-19 जैसे त्रासदी के दौरान सेवा प्रदान करने हेतु कोविड-19 योद्धा टीचर्स के तौर पर सम्मानित किया गया।