नई दिल्ली:- संसद के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु में किन्नूर के समीप हुए हेलिकॉप्टर हादसे पर बयान दिया. इस हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 11 लोगों का निधन हो गया. लोकसभा में हादसे पर बयान देते हुए रक्षामंत्री ने कहा- जनरल रावत, एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए शेड्यूल्ड विजिट पर थे. रक्षा मंत्री ने कहा कि बुधवार को 12.8 बजे हेलिकॉप्टर से संपर्क टूट गया. उन्होंने कहा कि एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में जांच के आदेश दे दिए हैं. रक्षा मंत्री ने बताया कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह फिलहाल लाइफ सपोर्ट पर हैं और उनको बचाने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने बताया कि जांच दल कल ही वेलिंगटन पहुंच गया और जांच शुरू कर दी है.
सिंह ने बताया कि इस घटना में जनरल बिपिन रावत,मधुलिका रावत (जनरल रावत की पत्नी),ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर,लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह,विंग कमांडर पी. एस. चौहान,स्क्वॉड्रन लीडर के. सिंह,जेडब्ल्यूओ दास,जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए., हवलदार सतपाल, नायक गुरसेवक सिंह, नायक जितेंद्र कुमार, लांस नायक विवेक कुमार और लांस नायक साइ तेजा का निधन हुआ.
सिंह ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. अन्य सैन्य कर्मियों का अंतिम संस्कार उचित सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा. इसके साथ ही लोकसभा ने दुर्घटना पर दो मिनट का मौन रखा. लोकसभा में बयान देने के बाद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में भी बयान दिया.
राज्यसभा ने रखा दो मिनट का मौन
वहीं राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमने सीडीएस बिपिन रावत और हेलिकॉप्टर दुर्घटना में शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में (12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के खिलाफ) आज विरोध नहीं करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने का फैसला किया है. हम रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संबोधन में भी शामिल होंगे. राज्यसभा में भी सदस्यों ने दो मिनटका मौन रखा.
जनरल रावत 17 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 तक भारतीय सेना के प्रमुख थे. उन्हें 31 दिसंबर 2019 को प्रमुख रक्षा अध्यक्ष नियुक्त किया गया. जनरल रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य के निधन पर सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे और सेना के अन्य अधिकारियों ने शोक व्यक्त किया. सेना ने ट्वीट किया, ‘जनरल बिपिन रावत का ओजस्वी एवं प्रेरणादायक नेतृत्व हमेशा हमारी यादों में रहेगा. भारतीय सेना उनके अमूल्य योगदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगी.’