रायपुर:- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुपचुप तरीके से प्रदेश को कोरोना के नए वैक्सीन कोर्बिवैक्स के 10 लाख टीकों की सप्लाई भेजी है। टीके भेजने की पूरी प्रक्रिया को इस तरह गोपनीय रखा गया कि आला अफसरों को भी वैक्सीन आने की कोई भनक नहीं लग पाई। हाल ही में इस टीके को औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने आपात स्थितियों में इस्तेमाल की मंजूरी दी है। लेकिन, अभी तक नतागी यानी टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन ने ये टीका किस आयु वर्ग को लगेगा ये तय नहीं किया है।

छत्तीसगढ़ के पहले तमिलनाडु और प. बंगाल को भी ये टीके भेजे गए हैं। दरअसल, इसका निर्माण हैदराबाद की टीका निर्माता कंपनी बॉयोलॉजिकल ई द्वारा किया गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस कंपनी को करीब 1500 करोड़ रुपए का भुगतान किया था। कंपनी ने करीब 25 करोड़ डोज टीके का निर्माण कर लिया है।

दवा निर्माता कंपनी ने करीब 25 करोड़ डोज टीके का निर्माण कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि ये अब तक का सबसे सस्ता कोविड टीका है जिसकी बाजार में कीमत करीब 145 रुपए प्रति डोज तक रह सकती है। कोवैक्सीन स्पूतनिक टीके की तरह इस वैक्सीन का भी पहला डोज लगाने के 28 दिन बाद दूसरा डोज लगाया जाएगा।

दावा ये भी किया जा रहा है कि कोर्बिवैक्स वैक्सीन नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खिलाफ भी एंटीबॉडी बनाने में कारगर है। वहीं दूसरे पुराने वैरिएंट से लड़ने में भी टीका सक्षम है। कोर्बिवैक्स टीका इंट्रामस्क्युलर यानी मांसपेशियों के जरिए लगाया जाता है। ये वैक्सीन दस खुराक वाली शीशी के साथ सिंगल डोज के रूप में भी मिलेगा।

रायपुर पहुंची कोर्बिवैक्स की खेप
21 फरवरी को 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कोर्बिवैक्स को मंजूरी मिली है। टीके का निर्माण 26 सितंबर 2021 में हुआ। एक्सपाइयरी डेट 25 सितंबर 2022 की है।

ऐसी संभावना…15 से कम उम्र वालों को लग सकता है टीका
पहले एक मार्च से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 12 से 15 साल के आयु समूह में टीकाकरण की तैयारी की थी। जानकारी के मुताबिक रूस-यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर अब इस ग्रुप में टीके की प्रक्रिया को आगे टाला जा सकता है। इसलिए अब तक टीके की सप्लाई के बावजूद इसको लगाने का प्लान नहीं बनाया गया है। तकनीकी तौर पर टीके किस आयु वर्ग में लगेंगे इसका फैसला कोविड टास्क कमेटी को करना है।

ऐसा रास्ता… सीक्रेट रखने के लिए सड़क मार्ग से भेजी वैक्सीन
पहली बार कोविड टीके की सप्लाई में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने गोपनीय तरीका अपनाया है। इसलिए आला अफसर भी टीके के बारे में ज्यादा जानकारी देने से बच रहे हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से केवल यही निर्देश दिया गया है कि अभी इस टीके को केवल स्टेट वैक्सीन स्टोर में स्टोर करके रखना है। जिलों को भी इसकी सप्लाई नहीं देनी है। जब तक कि कोई नया फरमान जारी नहीं होता है।