यूक्रेन-रूस युद्ध का असर भारत के इस्पात उद्योगों पर पड़ने लगा है। ऊर्जा स्रोतों के सभी साधनों के दाम बढ़ने से उत्पादन लागत बढ़ गई है, जिसे देखते हुए सेल प्रबंधन ने अपने सभी उत्पादों के दाम 3000 रुपए प्रति टन बढ़ा दिए हैं। यूक्रेन और रूस गैस कोयला और आयरन ओर के विश्व के बड़े आपूर्तिकर्ताओं में शामिल हैं। पिछले 12 दिनों से दोनों देशों में युद्ध छिड़ा हुआ है। वहीं यूरोप के देशों ने युद्ध के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराते हुए उस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए हैं।
इसका सीधा असर रूस के साथ साथ यूक्रेन से होने वाले गैस, कोयला और आयरन ओर की सप्लाई पर पड़ने लगा है, जिससे भारत के इस्पात संयंत्र भी अछूते नहीं हैं। जानकारों का कहना है कि यह युद्ध जल्द समाप्त नहीं हुआ तो कोयले सहित ऊर्जा के अन्य स्रोतों के दाम भी और बढ़ सकते हैं। फिलहाल सेल ने अपने उत्पादों के दाम बढ़ाए हैं। वहीं निजी कंपनियों में भी इसका असर देखा जा रहा है। घरेलू सामान भी महंगे होंगे।
विदेशी कोयले का दाम बढ़कर 500 डॉलर हुआ
बीएसपी में 15000 हॉट मेटल बनाने में साढ़े 7000 टन कोयले की खपत होती है। इसमें से 80 फीसदी कोयला इंपोर्टेड होता है। महज 20 फीसदी देशी कोयले का उत्पादन में इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि इस कोयले में एश की मात्रा ज्यादा होती है। विदेशी कोयले का दाम बढ़ते ही बीएसपी प्रबंधन ने कम से कम कोयले का उपयोग करते हुए अधिक से अधिक इस बार उत्पादन किए जाने की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है।
कोयले का दाम बढ़ने से उत्पादन लागत में भी बढ़ोतरी इसलिए बढ़ाए गए दाम
बीएसपी में इस्पात उत्पादन में 80 फीसदी विदेशी कोयले का इस्तेमाल होता है। इनके दाम बढ़ने से बीएसपी सहित सेल की सभी कार्यों में इस्पात का उत्पादन लागत भी बढ़ गया है। जिसका असर कंपनी के प्रॉफिट पर होना स्वाभाविक है। वह भी तब जबकि कंपनी के उत्पाद की मार्केट में अच्छी डिमांड बनी हुई है। युद्ध का असर स्टील मार्केट पर ज्यादा पड़ा है।
Steel के सभी उत्पादों में की गई बढ़ोत्तरी प्लेट के दाम अब हो गए 69500 रुपए
उत्पादन लागत बढ़ने पर सेल ने अपने उत्पादों के दाम भी 3000 रुपए प्रति टन तक बढ़ा दिए हैं। जिसके बाद हॉट रोल क्वायल का दाम 68 हजार से 68 हजार 500, कोल्ड रोल क्वायल का दाम 73 हजार 500 से 74 हजार 500 और प्लेट के दाम 69500 हो गए हैं। इसका सीधा असर स्टील मार्केट पर पड़ा है। भविष्य में भी कीमत बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता।
2019 से 2022 के बीच 80 फीसदी बढ़ गए दाम
जब से स्टील मार्केट में उछाल आया है, सेल प्रबंधन अपने उत्पादों के दाम में लगातार इजाफा करता जा रहा है। 2019 से लेकर अब तक प्रबंधन अपने उत्पादों के दाम में 80 फीसदी तक वृद्धि कर चुका है। ज्ञात हो कि 2019 में सेल के सभी उत्पादों का औसत दाम 38 हजार से 40 हजार के बीच चल रहा था।
फाइंस और बाय प्रोडक्ट बेचने पर भी फोकस
पहले तीन तिमाही में कैश कलेक्शन के मामले में बीएसपी बोकारो से पीछे चल रही है। ऐसी स्थिति में बीएसपी प्रबंधन ने कैश कलेक्शन बढ़ाने के लिए फिनिश्ड उत्पादों के साथ-साथ फाइंस और बाय प्रोडक्ट बेचने पर भी फोकस कर दिया है। राजहरा माइंस को एक निजी पार्टी की मांग पर 1 रैक फाइंस सप्लाई का ऑर्डर किया है।