अंबिकापुर:- अंबिकापुर शहर में युवा व्यवसायी ने रविवार की रात अपनी 8 साल की बेटी व ढाई साल के बेटे को कुरकुरे में जहर मिलाकर खिला दिया और खुद फांसी लगा ली। घटना के पूर्व उसने अपनी पत्नी और साले को मार्केट भेज दिया था। जब वे घर लौटे तो उन्होंने तीनों को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने व्यवसायी व उसकी पुत्री को मृत घोषित कर दियाा। वहीं पुत्र की हालत गंभीर है, जिसे आईसीयू में भर्ती किया गया है।

अंबिकापुर के गोधनपुर स्थित वसुंधरा विहार कॉलोनी निवासी सुदीप मिश्रा (40 वर्ष) अपनी पत्नी के अलावा पुत्री सृष्टि व पुत्र त्रशय के साथ रहता था। वह गोधनपुर-प्रतापपुर रोड पर सीमेंट व हार्डवेयर की दुकान संचालित करता था। रविवार की रात करीब 8 बजे सुदीप दुकान से घर लौटा। उसने अपनी पत्नी व साले को मार्केट भेज दिया। जब दोनों बाजार चले गए तो व्यवसायी ने पुत्र व पुत्री को कुरकुरे में कोई विषैला पदार्थ मिलाकर खिला दिया। इसके बाद खुद भी फंदा बनाकर हाल में फांसी लगा ली। सुदीप मिश्रा के साथ उसके माता-पिता भी रहते हैं, जो कुछ दिन पहले अपनी पुत्री से मिलने बाहर गए हुए थे। अंबिकापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

दरवाजा तोड़कर घर के अंदर हुए दाखिल
बाजार से जब व्यवसायी की पत्नी व साला घर लौटे तब भीतर से दरवाजा बंद था। उन्होंने दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मशक्कत के बाद पड़ोसियों की मदद से उन्होंने दरवाजा खुलवाकर भीतर प्रवेश किया तो नजारा देखकर उनका दिल दहल गया। दोनों बच्चे हॉल में ही फर्श पर बेसुध पड़े थे। पास में ही कुरकुरे भी पड़ा हुआ था। वहीं व्यवसायी हॉल में ही फंदे पर लटका हुआ था। सभी ने मिलकर व्यवसायी को फंदे से उतारा और सभी को लेकर अस्पताल पहुंचे। जांच के बाद डॉक्टरों ने व्यवसायी व उसकी पुत्री को मृत घोषित कर दिया। वहीं मासूम पुत्र अभी आईसीयू में भर्ती है।

मृतक ने 6 पन्ने का सुसाइड नोट भी छोड़ा
आत्महत्या करने से पहले व्यवसायी ने 6 पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा था। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त कर लिया है। व्यवसायी ने लिखा है कि उसे किसी से कोई परेशानी नहीं है। उसका लेन-देन भी सबसे क्लियर हैं। बस मैं अपने बच्चों को नहीं संभाल पाया, इसलिए उन्हें भी अपने साथ ले जा रहा हूं। अंबिकापुर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

स्वयं की मेहनत से खड़ा किया था व्यापार 
मृत व्यवसायी सुदीप मिश्रा मेहनती था। उसके पिता जल संसाधन विभाग के रिटायर्ड इंजीनियर हैं। पिता ने विवाह के बाद सुदीप मिश्रा को अलग कर दिया था। सुदीप ने स्वयं की मेहनत से व्यवसाय खड़ा किया था। वह लेनदेन में पक्का था और व्यवहार कुशल भी था। उसे कोई आर्थिक परेशानी भी नहीं थी और व्यवसाय भी अच्छा खसा चल रहा था। सुदीप के इस तरह का कदम उठाने से परिवार के लोग भी हतप्रभ है।